गोरखपुर केे शेरनी दस्तेे को बैटरी ने रोका, जुलाई में हुआ था गठन
शेरनी दस्ते के गठन का अहम उद्देश्य था महिला अपराध में कमी लाना। शेरनी दस्ते के लिए गोरखपुर पुलिस को मिली स्कूटियों में जीपीएस सिस्टम सायरन फ्लैश लाइट पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम पेपर स्प्रे आदि लैस किया गया था।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में 60 से अधिक शेरनी दस्ता है। इनकी ड्यूटी थाने पर लगाई गई है। ताकि वह शोहदों पर शिकंजा कस सकें। लेकिन करीब डेढ़ दर्जन वाहनों की बैटिरियां ही खराब हैं। महिला सिपाहियों की डयूटी सिर्फ थाने तक ही सिमट कर रह जा रही है।
शोहदों पर शिकंजा कसने के लिए जुलाई माह शेरनी दस्ते का गठन किया गया था। बाद में इन्हें थाने पर भेजा गया। बड़हलगंज, गोला, बांसगांव सहित कई थानों पर करीब डेढ़ दर्जन स्कूटियों की बैटरियां खराब होने के कारण महिला पुलिस कर्मी उसे लेकर क्षेत्र में नहीं निकल पा रही हैं। विभाग के तमाम कर्मचारियों का यह भी कहना है कि स्कूटियों का निरंतर प्रयोग ना होने से उसकी बैटरियां खराब हुई हैं। वाहन खराब होने के कारण अब इन महिला पुलिस कर्मियों से थाने में ही डयूटी ली जा रही है।
यह थी शेरनी दस्ते पर जिम्मेदारी
शेरनी दस्ते के गठन का अहम उद्देश्य था महिला अपराध में कमी लाना। वह सार्वजनिक क्षेत्रों में गश्त करेंगी तो महिला अपराध के साथ अन्य अपराध में भी कमी आएगी। अब जबकि वह थाने से निकल ही नहीं पा रहीं हैं तो उन्हें महिला अपराधों में उतनी जानकारी नहीं मिल पा रही है जितनी कि क्षेत्र में जाकर होती रही है।
यह थी वाहन की खूबी
शेरनी दस्ते के लिए गोरखपुर पुलिस को मिली स्कूटियों में जीपीएस सिस्टम, सायरन, फ्लैश लाइट, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, पेपर स्प्रे आदि लैस किया गया था। ताकि इससे प्रभावी ढंग से गश्त किया जा सके। पुलिस अधीक्षक क्राइम डा. एमपी सिंह का कहना है कि स्कूटी की बैटरियां गड़बड़ हैं। इसका प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेजा गया है। बैटरियां जल्द ही बदल दी जाएंगी।
वाहन दुर्घटना में बुजुर्ग की मौत
बलुआ पुलिस चौकी के घघवा-मेहदावल मार्ग पर मोगलहां गांव के पास वाहन दुर्घटना में 60 वर्षीय शिव विश्वकर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। चौकी प्रभारी अनूप मिश्रा ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।