बुद्ध मंदिर में फिसलकर श्रीलंका की महिला पर्यटक घायल, पैर टूटा
बुद्ध मंदिर तक जाने वाले रास्ते पर बरसात का पानी लगा हुआ है। पानी को निकाला नहीं गया। इसलिए उसमें फिसलन हो गया है।
By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:25 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:06 AM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। श्रीलंका से समूह के साथ कुशीनगर भ्रमण पर आईं 57 वर्षीया दर्शनी जयकोडी दोपहर बुद्ध मंदिर परिसर में फिसलकर गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनका बांया पैर टूट गया। जयकोडी ने बताया कि परिसर में साफ-सफाई और बैरिके¨डग की व्यवस्था होती तो उन्हें दुर्घटना का शिकार नहीं होना पड़ता।
चल रहा है इलाज
श्रीलंका के हेट्टीमुल्ला, कोटाडेनिवा निवासी जयकोडी लगभग 11 बजे अपनी टीम के सदस्यों के साथ माथा कुंवर बुद्ध मंदिर में पूजा करने पहुंचीं। पूजा के बाद लौटते समय पानी लगे होने के कारण उनका पैर फिसल गया और वह परिसर में ही गिर गईं। इससे उनका बांया पैर टूट गया। उनका इलाज श्रीलंका-जापान बुद्ध मंदिर कुशीनगर में एक चिकित्सक के निर्देशन में चल रहा है।
मंदिर के रास्ते में लगा है पानी
मालूम हो कि मंदिर तक जाने वाले रास्ते में बरसात का पानी लगा हुआ है। जागरण ने पर्यटकों की समस्या को उठाते हुए इस संबंध में समाचार भी प्रकाशित किया था। तब अधिकारियों द्वारा यह कहा गया था कि विभाग को पर्यटकों की चिंता है। पानी जल्द से निकाल दिया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि भविष्य में पानी न लग सके। करीब एक माह पहले दिए गए इस आश्वासन के बाद भी मंदिर के रास्ते पर लगा पानी नहीं खाली कराया गया। पानी लगने से उसमें फिसलन हो गया है।
अधिकारियों ने नहीं सुनी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सारनाथ मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद एनके सिन्हा से विदेशी पर्यटक के आरोपों के बावत जवाब के लिए कई बार फोन किया गया पर बात नहीं हो पाई। कुशीनगर स्थित एएसआई के जूनियर सीए जे. राजू ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मंडल मुख्यालय को प्रेषित कर दी गई है।
चल रहा है इलाज
श्रीलंका के हेट्टीमुल्ला, कोटाडेनिवा निवासी जयकोडी लगभग 11 बजे अपनी टीम के सदस्यों के साथ माथा कुंवर बुद्ध मंदिर में पूजा करने पहुंचीं। पूजा के बाद लौटते समय पानी लगे होने के कारण उनका पैर फिसल गया और वह परिसर में ही गिर गईं। इससे उनका बांया पैर टूट गया। उनका इलाज श्रीलंका-जापान बुद्ध मंदिर कुशीनगर में एक चिकित्सक के निर्देशन में चल रहा है।
मंदिर के रास्ते में लगा है पानी
मालूम हो कि मंदिर तक जाने वाले रास्ते में बरसात का पानी लगा हुआ है। जागरण ने पर्यटकों की समस्या को उठाते हुए इस संबंध में समाचार भी प्रकाशित किया था। तब अधिकारियों द्वारा यह कहा गया था कि विभाग को पर्यटकों की चिंता है। पानी जल्द से निकाल दिया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि भविष्य में पानी न लग सके। करीब एक माह पहले दिए गए इस आश्वासन के बाद भी मंदिर के रास्ते पर लगा पानी नहीं खाली कराया गया। पानी लगने से उसमें फिसलन हो गया है।
अधिकारियों ने नहीं सुनी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सारनाथ मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद एनके सिन्हा से विदेशी पर्यटक के आरोपों के बावत जवाब के लिए कई बार फोन किया गया पर बात नहीं हो पाई। कुशीनगर स्थित एएसआई के जूनियर सीए जे. राजू ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मंडल मुख्यालय को प्रेषित कर दी गई है।
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