एक झटके में बुझ गये सात घरों के उम्मीदों के चिराग
संतकबीर नगर : रविवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कन्नौज के तालाग्राम के पास रोडवेज बस ने सात उम्मी
संतकबीर नगर : रविवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कन्नौज के तालाग्राम के पास रोडवेज बस ने सात उम्मीदों को रौंद दिया। इनमें तीन छात्र इसी जनपद के हैं जबकि दो गोरखपुर के। वहीं एक शिक्षक और एक कर्मी की भी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही परिवारों में कोहराम मच गया।
बेटी के लिए खिलौना लाने का किया था वादा
सेमरियावां : महाविद्यालय में शिक्षक विजय कुमार (32) पुत्र हीरालाल, गांव हुजुरा सोहावा ने टूर से अपनी तीन वर्षीय बच्ची श्रेया के लिए खिलौना लाने का वादा किया था। पिता ने रोते हुए बताया कि बेटा रविवार को शाम लगभग पांच बजे पत्नी-बच्ची को ससुराल ग्राम मदाइन से घर छोड़कर खलीलाबाद प्रभा देवी डिग्री कालेज के लिए निकले थे। जाते समय बेटा ने कहा कि पिता जी और मां के लिए कपड़े लाऊंगा। विजय कुमार अपने चार भाई में तीसरे नंबर पर थे। सबसे बड़े भाई शिवकुमार (50) दिलीप कुमार (40) तथा राजकुमार (30) हैं। पत्नी योग्यता भारती ने बताया कि रविवार की रात लगभग 12 बजे फोन से बात कर हाल पूछा और कहा कि बेटी श्रेया भारती के लिए खिलौना लाने का वादा भी किया।
गोल्ड मेडलिसिस्ट था अभय
संतकबीर नगर : कोतवाली थाना क्षेत्र के थवईपार गांव का रहने वाला अभय प्रताप ¨सह (21) मेधावी छात्र था। 2018 में उसने शहर में स्थित हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीकाम टाप किया था। उसे गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया था। कुशीनगर जनपद के पडरौना में डाक विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत पति देवेंद्र ¨सह का सपना था कि वह भविष्य में जरूर कुछ बेहतर करेगा। बड़ी बहन निधि (25) की शादी हो चुकी थी। छोटा भाई अभिषेक (18) पढ़ रहा है। माता प्रमिला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
¨जदगी में कुछ बनने की तमन्ना लिए रुखसत हो गया महेश
संतकबीर नगर : खलीलाबाद स्थित मोतीनगर मोहल्ले का रहने वाला पच्चीस वर्षीय महेश गुप्ता बेहद गरीबी में पढ़ाई कर रहा था। तीन भाई और तीन बहन में तीसरे नंबर पर महेश था। हरिद्वार जाने के लिए बमुश्किल उसके पिता तैयार हुए थे। दुकान पर मुनीम कृष्ण मुरारी ने बताया कि उसने कहा था कि वह शिक्षक की नौकरी पाने के बाद उन्हें भी हरिद्वार घुमाने ले जाएगा। मौत से जहां परिवारी जन बुरी तरह टूट चुके हैं। वहीं माता अंगूरलता रो-रोकर बेहोश हो जा रही हैं।
टीम का लीडर था निखलेश
महुली : थाना क्षेत्र कड़सरा के रहने वाले निखलेश मौर्य (23) का शिक्षक बनने का ख्वाब अधूरा रह गया। शिक्षक पिता राजेंद्र प्रसाद के सपनों को पूरा करने के लिए उसने डीएलएड में प्रवेश लिया था। वह टीम का लीडर भी था। चार भाइयों में सबसे छोटे निखलेश की ¨जदगी में ऊंची उड़ान की ख्वाहिश थी। माता सावित्री की आंखों का तारा होने के कारण वह सभी का दुलारा था।
सतीश की इसी वर्ष होनी थी शादी
महुली : थाना क्षेत्र के हरिहरपुर नगर पंचायत के जगदीशपुर गौर के पुरवा शुक्लाइनिया निवासी सतीश पुत्र रामफेर (18) इकलौती संतान था। पिता को मजदूरी करते देख उसने कच्ची उम्र में ही रोजगार तलाश लिया, जिससे घर की गरीबी दूर हो सके।सोमवार को भोर में ही उसके घर सूचना पहुंची कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर मार्ग दुर्घटना में सतीश की मौत हो गई। मां इंद्रावती देवी बदहवास हो गईं। सतीश की शादी की तैयारियां चल रही थी खलीलाबाद में उसकी शादी भी तय हो चुकी थी और मलमास खत्म होते ही तिथि भी तय होनी थी। सतीश की दो बहनें हैं, एक की शादी हो चुकी है और दूसरे की शादी की जिम्मेदार भी सतीश के कंधों पर थी।