ओमिक्रोन की संक्रमण दर तेज पर खतरनाक नहीं, ज्यादातर मामलों में अस्पताल जाने की भी जरूरत नहीं
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की संक्रमण दर तेज है। लेकिन यह डेल्टा या डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं है। विश्व में अब तक लगभग नौ सौ लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हुए हैं इनमें से ज्यादातर घर पर ही उपचार से ठीक हो गए।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अभी तक के अध्ययन से कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर यह बात सामने आई है कि इस वैरिएंट की संक्रमण दर तेज है। लेकिन यह डेल्टा या डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक नहीं है। विश्व में अब तक लगभग नौ सौ लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हुए हैं, इनमें से ज्यादातर घर पर ही उपचार से ठीक हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी।
ओमिक्रोन से डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
यह बातें इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के एडिशनल डायरेक्टर डा. समीरन पाण्डा ने कही। वह क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन समारोह में आए हैं। बुधवार को केंद्र में आयोजित कांफ्रेंस व कर्मचारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए रूप ओमिक्रोन से डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। यह समुदाय में लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। इसकी मारक क्षमता और संक्रमण दर को लेकर अभी शोध चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह दशक एचआइवी संक्रमण के नजरिए से बेहद खास होने वाला है। वर्ष 2030 तक एचआइवी संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने में सफलता मिल जाएगी। इस वायरस की संक्रमण क्षमता को कमजोर करने की दवाओं पर रिसर्च अंतिम चरण में है। इस अवसर पर आरएमआरसी के निदेशक डा. रजनीकांत व मीडिया प्रभारी डा. अशोक पांडेय आदि उपस्थित थे।
19924 लोगों को लगाया गया कोरोना रोधी टीका
कोविड टीकाकरण अभियान में बुधवार को 213 बूथों पर 19924 लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। इसमें दूसरी डोज लगवाने वालों की संख्या 15 हजार से अधिक थी। बूथों पर बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने बताया कि वैक्सीन की कमी नहीं है। बूथों पर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन भेजी जा रही है। अभी तक जो लोग टीका नहीं लगवा पाए हैं, वे बूथों पर पहुंचकर लगवा लें।