मोबाइल पर क्लिक करते ही मिल जाएगी अपराधियों की कुंडली
गोरखपुर : त्रिनेत्र एप के जरिए पुलिस बदमाशों पर शिकंजा कसने में जुट गई है। हत्या, लूट, चोरी, आनलाइन
गोरखपुर : त्रिनेत्र एप के जरिए पुलिस बदमाशों पर शिकंजा कसने में जुट गई है। हत्या, लूट, चोरी, आनलाइन ठगी व संपत्ति संबंधी अपराध करने वाले जिले के 1000 अपराधियों का अपराधिक इतिहास एप के जरिए ऑनलाइन किया जा चुका है। जिले में इस कार्य की निगरानी के लिए एसपी क्राइम आलोक शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। टीम में डीसीआरबी प्रभारी सहित चार सिपाहियों को भी शामिल किया गया है।
त्रिनेत्र एप के बाद अपराधी का अपराधिक इतिहास खंगालने के लिए पुलिस को रजिस्टर नहीं पलटने होंगे। कहीं पर भी एप की मदद से किसी भी अपराधी का इतिहास देखा जा सकेगा। पिछले 15 दिन से टीम के सदस्य जिले के अपराधियों का डोजियर बनाकर उसे ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं।
त्रिनेत्र एप से प्रदेश के सभी थाने और सर्किल जुड़े हुए हैं। अभी तक किसी भी थाने में हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के पकड़े जाने पर अक्सर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी लेने के लिए अन्य थानों को संदेश भेजने पड़ते थे। इससे बहुत से मुकदमों के बारे में जानकारी नहीं मिलती थी। त्रिनेत्र एप के जरिए किस बदमाश के खिलाफ कहा कितने मुकदमे हैं? कितनी बार और कहा से किस मामले में जेल गया? इसकी जानकारी पल भर में मिल जाएगी। यह एप थानेदार से लेकर एसएसपी समेत अन्य उच्चाधिकारियों के मोबाइल में रहेगा।
अपडेट होता रहेगा एप : एसएसपी
एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि त्रिनेत्र एप में अपराधियों का डाटा एक स्थान पर मिलेगा। इसमें अपराधियों के नाम, पते, फोटो और परिवार के सदस्यों के साथ ही जमानतदारों का भी ब्योरा होगा। समय-समय पर इसे थाना स्तर से अपडेट भी किया जाता रहेगा। इससे अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी। 1000 बदमाशों का डाटा एप पर फीड किया जा चुका है। अभी भी काम प्रगति पर है।
अब रात में 10.30 बजे बदलेगी हाक दस्ते की ड्यूटी
लूट व छिनैती की वारदात को रोकने के लिए एसएसपी ने हाक दस्ते की डयूटी बदलने के समय में बदलाव कर दिया है। पुलिसकर्मी रात में नौ की जगह 10.30 बजे डयूटी बदलेंगे। इसके लिए उन्हें कंट्रोल रूम आने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। हाल के दिनों में शहर में लूट व छिनैती की अधिकतर वारदातें रात आठ से 10 बजे के बीच में हुई है। इस दौरान डायल 100 के साथ ही हॉक दस्ते पर तैनात सिपाहियों की ड्यूटी में अदला-बदली होती है। इस बीच होने वाली वारदातों में डायल 100 और हॉक दस्ते की टीम को पहुंचने में समय लग जाता है।
एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि ड्यूटी बदलने के लिए पुलिसकर्मी कंट्रोल रूम आते हैं। इस बीच क्षेत्र में कोई नहीं होता है, जिसका फायदा बदमाश उठा रहे हैं। अब निर्धारित समय पर थाने पहुंचकर डयूटी बदलकर सिपाही क्षेत्र में निकल जाएंगे।