आशिक मिजाज दारोगा को बचाने पर भड़की युवती, मुख्यमंत्री से मिलकर मांगा न्याय
छेड़खानी का विरोध करने पर पुलिसिया उत्पीड़न का शिकार हुई एक क्षेत्र की युवती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फिर न्याय की गुहार लगाई है। भाई और फुफेरी बहन के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिली युवती ने जांच में पक्षपात और दबाव बनाने का आरोप लगाया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : छेड़खानी का विरोध करने पर पुलिसिया उत्पीड़न का शिकार हुई एक क्षेत्र की युवती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फिर न्याय की गुहार लगाई है। भाई और फुफेरी बहन के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिली युवती ने जांच में पक्षपात और दबाव बनाने का आरोप लगाया। यह भी आरोप लगाया कि विवेचक सीओ ने कई बार अलग-अलग जगह बुलाकर बयान लिया। 31 मई, 2021 को तो बस्ती के अस्पताल चौराहा पर खुले में रोककर बयान लिया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार आइपीसी 376 के मामले में सार्वजनिक स्थल पर बयान नहीं ले सकते। मुख्यमंत्री ने एडीजी गोरखपुर को आरोपों की जांच करने और पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है।
क्राइम ब्रांच ने दो मुकदमे फर्जी मानकर लगा दी एफआर
युवती ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर बताया कि 10 जुलाई को बर्खास्त किए गए दारोगा दीपक सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों पर दर्ज मुकदमे की विवेचना संतकबीर नगर के सीओ कर रहे हैैं। वहीं, दारोगा की तरफ से दर्ज कराए आठ मुकदमे की जांच वहीं की क्राइम ब्रांच के पास है। क्राइम ब्रांच ने दो मुकदमे फर्जी मानकर एफआर लगा दी। बाकी को बंद करने के लिए दीपक सिंह पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा। उस पर लगी कई गंभीर धाराएं भी हटा दी गई हैं। वहीं, हमारे उपलब्ध कराए गए साक्ष्य मुकदमे में शामिल नहीं किए जा रहे। अन्य पुलिसकर्मियों को भी क्लीन चिट दे दी गई। मुकदमा वापस करने के लिए परिवार को हत्या की धमकी दी जा रही है। युवती ने दीपक सिंह पर दर्ज मुकदमे की विवेचना फिर से कराने और अपने परिवार पर दर्ज मुकदमों की जांच दूसरी एजेंसी से कराने की मांग की है।
भाई-बहन ने भी मांगी सुरक्षा
युवती के भाई व फुफेरी बहन ने भी मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र दिया है। भाई ने दीपक सिंह की तरफ से जानमाल की धमकी दिए जाने का आरोप लगाकर सुरक्षा मांगी है। वहीं, गोंडा निवासी फुफेरी बहन ने फर्जी मुकदमे में फंसाकर करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
यह है मामला
युवती ने तीन माह पहले मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि 31 मार्च 2020 को लाकडाउन में जांच के नाम पर दारोगा दीपक सिंह मोबाइल नंबर लेकर अश्लील मैसेज भेजने लगा। विरोध करने पर गांव के चकरोड के विवाद में परिवार पर आठ फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी ने मंडलायुक्त और एसपी संग गांव जाकर जांच की। दीपक और उसके भाई समेत 13 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर मुकदमा दर्ज किया गया। दीपक को जेल भेजा गया। अश्लील मैसेज भेजने की शिकायत सही मिलने पर 10 जुलाई को उसे बर्खास्त कर दिया गया।
की जाएगी आरोपों की जांच
अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने कहा कि शासन से जांच के निर्देश मिले हैैं। सोमवार को बस्ती जाकर आरोपों की जांच की जाएगी।
घटनाक्रम: एक नजर में
31 मार्च 2020- लाकडाउन के दौरान युवती, दादी की दवा लेेने बस्ती जा रही थी सोनूपार चौकी पर तैनात दारोगा दीपक सिंह ने युवती को रोका। जांच के लिए गाड़ी के कागजात के साथ उसका मोबाइल नंबर लिया।
13 जून 2020-चकरोड के विवाद में दारोगा ने युवती के घरवालों को अपमानित किया। दारोगा ने बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए युवती और उसके परिवार वालों पर एक-एक कर आठ मुकदमे दर्ज कराए।
18 मार्च 2021- युवती परिवार वालों के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिली। जांच के लिए गांव में एडीजी और मंडलायुक्त पहुंचे। दोषी पाए जाने पर दारोगा के साथ तत्कालीन सीओ गिरीश सिंह समेत तेरह पुलिस कर्मी निलंबित।
20 मार्च 2021-युवती की तहरीर पर कोतवाली थाने में पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज। आरोपित दारोगा दीपक सिंह गिरफ्तार।
18 जून 2021- आरोपित दारोगा दीपक जेल से जमानत पर छूटा। बहराइच संबंद्ध किया गया।
10 जुलाई 2021- आरोपित दरोगा दीपक सिंह की जांच पूरी। आइजी ने किया सेवा से बर्खास्त।