CM योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाकर गदगद हुए सेनानियों के स्वजन
मुख्यमंत्री ने मुख्य मंच से रामनवल ओमप्रकाश लालकिशुन गुलाब सावित्री वीरेंद्र रामअशीष मानसिंह यादव हरिलाल सौदागर अली लल्लन रामराज मैनुद्दीन सत्याचरण दशरथ व राम नारायण त्रिपाठी को सम्मानित किया था। कुल 99 स्वजन को सम्मानित किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की तरफ से सम्मानित किए गए स्वतंत्रता सेनानियों के 16 स्वजन को काफी प्रसन्न हैं। सभी को स्मृति चिन्ह, शाल एवं मिष्ठान देकर सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान पाकर स्वजन गदगद हो गए। कार्यक्रम में कुल 99 स्वजन को सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य मंच से रामनवल, ओमप्रकाश, लालकिशुन, गुलाब, सावित्री, वीरेंद्र, रामअशीष, मानसिंह यादव, हरिलाल, सौदागर अली, लल्लन, रामराज, मैनुद्दीन, सत्याचरण, दशरथ व राम नारायण त्रिपाठी को सम्मानित किया था। चौरी चौरा तहसील की ओर से स्वतंत्रता सेनानियों के दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के 99 स्वजन का चयन किया गया था। सभी को बुलाने के लिए प्रशासन की ओर से बसों की व्यवस्था की गई थी।
क्या कहते हैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के स्वजन
बाल बुजुर्ग गांव निवासी मुन्नर का कहना है कि मेरे बाबा लौटू को फांसी हुई थी। उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी थी, हमें इस बात का गर्व है। शहीदों की याद में इतना बड़ा कार्यक्रम देखकर काफी अ'छा लग रहा है। यहां सम्मान पाकर काफी खुशी हो रही है। वहीं मांगापट्टी गांव निवासी राम सावर का कहना है कि पूर्वजों के मुंह से वीरता की कहानी सुनी है। इतने दिन बाद यह बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है और हम सभी लोगों को आमंत्रित किया गया है। यहां आकर काफी अ'छा लग रहा है। यह सम्मान और पहले मिलता तो और बेहतर रहता।
पूरा परिवार खुश
मांगापट्टी गांव के ही रामनारायण का कहना है कि चौरी चौरा की घटना के बारे में हमने पूर्वजों से सुना था। इस कार्यक्रम के आयोजित होने से पूरा परिवार खुश है। अब सेनानियों के स्वजन को भी कुछ सम्मान मिल सकेगा। इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है। साल भर कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला काफी अच्छा है। मोतीराम की विद्यावती का कहना है कि सौवें साल में पहली बार मिला यह सम्मान पाकर मैं ही नहीं पूरा परिवार अ'छा महसूस कर रहा है। सेनानियों के सम्मान में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ है। अब तक यह लड़ाई लडऩे वाले लोगों को कोई नहीं जानता था लेकिन अब लोग जानने लगे हैं। शिवपुर चौरीचौरा के मोतीरानी का कहना है कि शहीदों के स्वजन का सम्मान करना अ'छी बात है। अब तक सम्मान न मिलने का दुख था। इतना बड़ा कार्यक्रम हुआ है तो लोग सबके बारे में जानने लगे हैं। यहां के ब'चों को भी चौरी चौरा की घटना के बारे में कुछ नहीं पता था। सम्मान के साथ आर्थिक सहायता भी मिलनी चाहिए थी। भरतपुर के राम प्यारे कहते हैं कि अब तक सेनानियों के स्वजन को कोई पूछने वाला नहीं था। जब यह जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री हम सबका सम्मान करने वाले हैं तो काफी अ'छा लगा। आज सम्मान पाकर गदगद महसूस कर रहा हूं। इस सम्मान समारोह में आकर मन प्रसन्न हो गया।