Move to Jagran APP

विचारों का ढांचा बदलना पड़ेगा

गोरखपुर: मनुष्य जब तक विचारों का ढांचा नहीं बदलेगा, तब तक जीवन नहीं बदलेगा। जैसे खेत में फसल

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 12:52 AM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 12:52 AM (IST)
विचारों का ढांचा बदलना पड़ेगा
विचारों का ढांचा बदलना पड़ेगा

गोरखपुर: मनुष्य जब तक विचारों का ढांचा नहीं बदलेगा, तब तक जीवन नहीं बदलेगा। जैसे खेत में फसल के बीज बोए जाते हैं, उसके साथ खर-पतवार भी हमारे नहीं चाहने पर भी उग आते हैं। इसी प्रकार हमारे हृदय रूपी खेत में हमें सुंदर बीज बोने पड़ेंगे और उनकी सुरक्षा करनी पड़ेगी।

loksabha election banner

यह बातें संत गुरु भूषण दास ने कही। वह यहा मारवाड़ इंटर कालेज में संत कबीर सेवा समिति घासी कटरा के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय संत कबीर सत्संग समारोह के अंतिम दिन श्रद्धालुओं को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विरोधी विचार मन को मलिन करते हैं, इन्हें समय-समय पर निकालते रहने से ही जीवन सुंदर हो पाएगा।

कौशांबी से आए संत रामदास ने कहा कि कभी-कभी सत्संग व ज्ञान की चर्चा सुन लेने से मन का मैल खत्म होता है और मन पवित्रता की ओर बढ़ता है। मन की पवित्रता ही जीवन का उद्देश्य है। छत्तीसगढ़ से पधारे संत देवेंद्र दास ने कहा कि कपड़े और शरीर के दाग तो लोग छुड़ा लेते हैं परंतु मन में लगे दाग पूरे जीवन को दागी बना देते हैं। उन्हें धोने की कोशिश करनी चाहिए।

राजस्थान से पधारे संत गौरव दास ने कहा कि शाति मरने के बाद नहीं मिलती बल्कि जीवित रहते शाति की कमाई कर लेने की जरूरत है। संत रामेश्वर दास, संत वेदात, संत प्रशांत दास ने अनेक भजन प्रस्तुत किया। अंत में महंत बाल योगी दास ने सभी को आशीर्वाद दिया।

संचालन समिति के मंत्री रामनरेश चौबे ने किया। कार्यक्रम में ध्रुव नरायन द्विवेदी, सतीश चंद्र त्रिपाठी, लालजी यादव, डॉ. केडी पांडेय, मनहर पांडेय, आनंद व आशुतोष सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.