विद्यालय परिसर में पहली पत्नी से पिटे गुरुजी, जानें-क्या है मामला Gorakhpur News
शिक्षक भड़क उठे और गुस्से में पत्नी पर हाथ छोड़ दिया । फिर क्या था दोनों में जमकर जूता चप्पल चलने लगा । शिक्षक के पक्ष में कुछ और शिक्षकों ने भी महिला की पिटाई शुरू कर दी।
गोरखपुर, जेएनएन। दूसरी शादी करने के चक्कर में छात्र-छात्राओं के बीच गुरुजी की पहली पत्नी के हाथों जमकर पिटाई हो गई । मामला गुलरिहां थाना क्षेत्र के भटहट कस्बे का है। इसे लेकर क्षेत्र में चर्चा बना हुआ है।
शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे पटेल स्मारक इंटर कॉलेज के परिसर में शिक्षक प्रदीप कुमार सिंह पुत्र राम बचन सिंह निवासी थाना शिवसागर जिला रोहतास बिहार कुर्सी पर बैठे हुए थे। इसी दौरान उनकी पत्नी मनीषा सिंह पुत्री स्वर्गीय धर्म देव सिंह निवासी बनारस सारनाथ थाना कैंट अपनी मां शांति देवी वआठ वर्षीय बेटे गौरव कुमार को लेकर पहुंची।
प्रमाण पत्र मांगते ही शिक्षक ने हाथ उठाया, हुई मारपीट
पहुंचते ही मनीषा सिंह अपने दिव्यांग बच्चे (मूकबधिर) का दिव्यांग सर्टिफिकेट व अन्य कागजात की मांग करने लगी । तभी शिक्षक भड़क उठे और गुस्से में पत्नी पर हाथ छोड़ दिया । फिर क्या था दोनों में जमकर जूता चप्पल चलने लगा । शिक्षक के पक्ष में कुछ और शिक्षकों ने भी महिला की पिटाई शुरू कर दी। इसी बीच लोगों ने किसी प्रकार बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शिक्षक प्रदीप कुमार सिंह को हिरासत में लेकर थाने पहुंचा दिया।
दिव्यांग बच्चे के कारण पति करता है प्रताडि़त
पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि 9 साल पूर्व 2011 में उसकी शादी प्रदीप कुमार सिंह से हुई थी । शादी के बाद उसका बच्चा पैदा हुआ दो वर्षों बाद पता चला कि वह मूकबधिर है । इसकी जानकारी होते ही शिक्षक प्रताड़ित करने लगा। महिला ने आरोप लगाया कि बच्चे का इलाज दिल्ली में चल रहा है। इलाज का सारा खर्च उसका भाई गौतम सिंह उठाता है । शिक्षक का पत्नी के बीच विगत डेढ़ वर्षो से पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है ।
दूसरी शादी करना चाह रहा पति
महिला ने खुलेआम कालेज के एक शिक्षक पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी साली से उसके पति की शादी तय हो चुकी है। उसी के इशारे पर उसका पति उसे प्रताणित कर रहा है।
बच्चे को देख लोगों के आंखों में आ गया पानी
शिक्षक पति और उसकी पत्नी का विवाद पुलिस चौकी भटहट पहुंचा। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे। जबकि उनका आठ वर्षीय दिव्यांग बच्चा दोनों को देख बड़ी मासूमियत से देख रहा था और मुस्करा रहा था। बच्चे की मासूमियत व उसके मां की मजबूरी को देख वहां मौजूद लोगों की आंखों में बरबस ही पानी आ जा रहा था।