कलश स्थापना के साथ आज होगी मां शैलपुत्री की पूजा
संतकबीर नगर आस्था श्रद्धा व शक्ति अर्जन का पर्व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ मंगलवार से हो रहा है। पहले दिन पूजन- अर्चन के साथ कलश स्थापना व प्रथम देवी शैलपुत्री की आराधना की जाएगी। सुबह से घर व मंदिर वैदिक मंत्रों घंटा व जयघोष गूंज उठेंगे।
संतकबीर नगर : आस्था, श्रद्धा व शक्ति अर्जन का पर्व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ मंगलवार से हो रहा है। पहले दिन पूजन- अर्चन के साथ कलश स्थापना व प्रथम देवी शैलपुत्री की आराधना की जाएगी। सुबह से घर व मंदिर वैदिक मंत्रों, घंटा व जयघोष गूंज उठेंगे। देवी मंदिरों पर व्यापक तैयारियां हैं। मंदिरों के बाहर चुनरी, श्रृंगार प्रसाधन सहित विभिन्न सामग्रियों की दुकानें भी सज गईं हैं। मंदिर, संवर गए हैं। नवरात्र पर्व को लेकर आस्थावानों में उत्साह है। एक दिन पूर्व सोमवार को विभिन्न तैयारियां पूरी की गईं। घरों व मंदिरों में साफ-सफाई करके पूजन-अर्चन व पाठ आदि के लिए की जाने वाली तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
शहर के समय माता मंदिर में सुबह से साज-सज्जा व श्रृंगार किया जा रहा है। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की सफाई कर उनके वस्त्र व माला आदि बदले गए। प्रथम व अंतिम दिन तथा नव दिन व्रत रखने की तैयारियों के साथ घरों में दीप जलाने, कलश स्थापना आदि की तैयारियां की गईं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर समिति के सदस्य व भक्त उचित प्रबंध में जुटे हैं। ---------------------- पूजन सामग्री की सजी दुकानें शहर में सर्वमंगला समय माता मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों के सामने व बाजारों में चुनरी, श्रृंगार प्रसाधन सहित विभिन्न सामग्रियों की दुकानें सजीं है। पूजन व्रत में प्रयोग होने वाले सामग्रियों के साथ फूल-माला, कलश, दीया आदि की खरीदारी जोरों पर रही। मंदिर परिसर के अंदर व बाहर एक दर्जन से अधिक चुनरी, प्रसाद, नारियल व श्रृंगार प्रसाधन की दुकानें पर खरीदारी चल रही है। ----------- नारियल व कलश से पटे बाजार नवरात्र पर्व पर नारियल व कलश से बाजार पटे हैं। धूप, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकों के साथ आरती थाल आदि की दुकानों पर खरीदारी चल रही है। --------- भक्तिमय बना वातावरण -मंदिरों में चहल -पहल बढ़ गई है। कैसेटों पर बज रहे भक्ति गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। शहर के दुर्गा मंदिर बरदहिया बाजार, श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर, मां पाटेश्वरी मंदिर रामनगर, मां वैष्णैव मंदिर नेदुला, उसका कला, बखिरा, चुरेब, मगहर, पटनइया घाट, मेंहदावल नगरवाली माता आदि स्थानों पर तैयारियां हैं। पूजन के लिए आचार्य व पंडितों की मांग बढ़ गई है। --------------