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किसानों ने खेत में डंठल जलाया तो नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ Gorakhpur News

उप निदेशक कृषि ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ से कम खेत होने की स्थिति में किसान से 25 सौ रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो एकड़ से अधिक और पांच एकड़ से कम खेत होने पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगेगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:30 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:30 PM (IST)
किसानों ने खेत में डंठल जलाया तो नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ Gorakhpur News
गोरखपुर में अवशेष जलने का दृश्‍य, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। खेत में फसल अवशेष जलाने की पुनरावृत्ति करने वाले किसानों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसे किसानों को केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली तमाम सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। साथ ही 15 हजार रुपये तक जुर्माना भी अदा करना पड़ सकता है। उप निदेशक (डीडी) कृषि संजय सिंह ने किसानों से फसल अवशेष न जलाने की अपील करते हुए इसके निस्तारण का उपाय सुझाया है। साथ ही उन्होंनें खेत में आग लगने की घटनाएं रोकने उपाय भी बताया है।

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इस तरह से लगेगा जुर्माना

उप निदेशक कृषि ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ से कम खेत होने की स्थिति में किसान से 25 सौ रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो एकड़ से अधिक और पांच एकड़ से कम खेत होने पर पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक खेत में फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये प्रति घटना की दर से जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसके अलावा शासन ने फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित करने का भी फैसला लिया है।

ऐसे करें डंठल का उपयोग

फसल अवशेष निस्तारण का उपाय सुझाते हुए उप निदेशक कृषि ने बताया कि कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद फसल अवशेष पर 20 किग्रा यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से बुरक दें। इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई करा दें। इस प्रक्रिया में फसल अवशेष मिट्टी में दब जाएंगे। जो बाद में सड़कर मिट्टी मे मृदा जिवांश की बढ़ोत्तरी कर खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करेंगे। आग लगने की घटनाएं रोकने के लिए फसल कटाई के समय प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, स्ट्रारीपर, थे्रशर आदि का रख-रखास समुचित तरीके से करने का उन्होंने सुझाव दिया है। ताकि इस्तेमाल के समय इन उपकरणों में से चिंगारी न निकले। खेत कटाई में इस्तेमाल होने वाले इन उपकरणों से निकलने वाली चिंगारी से आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी है।

बिजली के ट्रांसफार्मर या खंभे के पास मजदूरों से कटाई कराने का सुझाव दिया है। पूरी तरह से पकी फसल की ही कटाई कराने की हिदायत दी है। क्योंकि हरी फसल के डंठल मशीन में फंस जाते हैं। जिसकी वजह से रगड़ खाने से चिंगारी निकलने लगती है। जो आग लगने की वजह बनती है। फसल की कटाई में इस्तेमाल होने वाले उपकरण यदि किसी प्रकार की मरम्मत की जरूरत हो तो खेत से दूर खाली स्थान पर ले जाकर मरम्मत का काम कराना चाहिए। इससे आग लगने का खतरा नहीं रहता।


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