इस जिले में 28 साल से चल रहा था असलहा लाइसेंस में फर्जीवाड़ा, ऐसे हुआ खुलासा Gorakhpur News
गोरखपुर में असलहा लाइसेंस में फर्जीवाड़े का मामला भले ही कुछ दिन पहले सामने आया हो लेकिन यह खेल 28 साल से चल रहा था।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में असलहा लाइसेंस में फर्जीवाड़े का मामला भले ही कुछ दिन पहले सामने आया हो लेकिन यह खेल 28 साल से चल रहा था। राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर खोराबार पुलिस ने फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले 10 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। उनके पास से 1991 से 2001 के बीच बने लाइसेंस और उस पर खरीदे गए असलहे बरामद हुए हैं।
फर्जी लाइसेंस का नवीनीकरण का भी चल रहा था खेल
दिलचस्प यह है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन लोगों ने लाइसेंस बनवाने की सारी प्रक्रिया पूरी की थी। इतना ही नहीं लाइसेंस मिलने के बाद से ही वे नियमित रूप से उसका नवीनीकरण करा रहे थे और चुनाव में अपने असलहे थाने या असलहे की दुकानों पर बाकायदा जमा कराते रहे हैं। पिछले दिनों फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद शुरू हुई जांच-पड़ताल में पता चला है कि उनके लाइसेंस दूसरे के नाम पर बने लाइसेंस नंबर पर जारी किए गए हैं।
लाइसेंसधारियों को नहीं पता था कि फर्जी है उनका लाइसेंस
राजस्व विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जो छानबीन की है, उससे स्पष्ट है कि लाइसेंसधारियों को अपना लाइसेंस फर्जी होने की भनक तक नहीं थी। इसकी प्रमुख वजह यह है कि लाइसेंस बनवाने के लिए एक तो उन्होंने सारी प्रक्रिया पूरी की थी, दूसरे इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त धन भी खर्च नहीं किया था। समय-समय पर लाइसेंस का नवीनीकरण होते रहने की वजह से भी उन्हें कभी शक नहीं हुआ। बताते हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों के विरुद्ध आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
राजस्व विभाग की रिपोर्ट पर लाइसेंस फर्जीवाड़े में कुछ लोगों हिरासत में लिए गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। आम्र्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। - रोहन पी बोत्रे, सहायक पुलिस अधीक्षक