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कोविड टीकाकरण को लेकर विभाग की मुश्किलें बढ़ीं, बूथों पर सन्नाटा

COVID Vaccination कोविड टीकाकरण अभियान में अब मुश्किलें शुरू हो गई हैं। लगभग एक तिहाई लोगों को अभी तक पहली डोज नहीं पाई है और बूथों पर लगभग सन्नाटा है। एक बूथ पर औसत लगभग सौ लोगों का टीकाकरण हो रहा है जबकि चार सौ का लक्ष्य रखा गया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 01:36 PM (IST)
कोविड टीकाकरण को लेकर विभाग की मुश्किलें बढ़ीं, बूथों पर सन्नाटा
COVID Vaccination: कोविड टीकाकरण को लेकर विभाग की मुश्किलें बढ़ीं, बूथों पर सन्नाटा। प्रतीकात्‍मक फोटो

 गोरखपुर, जागरण संवाददाता। COVID Vaccination: कोविड टीकाकरण अभियान में अब मुश्किलें शुरू हो गई हैं। लगभग एक तिहाई लोगों को अभी तक पहली डोज नहीं पाई है और बूथों पर लगभग सन्नाटा पसरा है। एक बूथ पर औसत लगभग सौ लोगों का टीकाकरण हो रहा है, जबकि चार सौ का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। जिले में अभी लगभग 11 लाख लोग हैं, जिन्हें एक भी डोज नहीं लग पाई है।

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16 जनवरी को हुई थी टीकाकरण अभियान की शुरुआत

जिले में टीकाकरण की शुरुआत पिछले 16 जनवरी को हुई। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाया गया। इसके बाद एक मार्च से आम नागरिकों का टीकाकरण शुरू हुआ। शुरुआत में पर्याप्त वैक्सीन न होने से कम बूथ संचालित किए जा रहे थे। बूथों पर टीकाकरण के लिए लंबी लाइन लग रही थी। जल्दी टीका लगवाने के लिए लाइन तोड़ने को लेकर अक्सर विवाद हो जाता था। अब वैक्सीन पर्याप्त उपलब्ध है। बूथों की संख्या डेढ़ सौ से लेकर ढाई सौ तक है। गांवों में स्वास्थ्य टीमें जाकर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक व प्रेरित कर रही हैं। बावजूद इसके टीकाकरण का ग्राफ बढ़ नहीं पा रहा है।

गांवों में लगाई गईं 30 मोबाइल वैन

बूथों की संख्या बढ़ाने के अलावा गांवाें में 30 मोबाइल वैन लगा दी गई हैं। सभी ब्लाकों में एक-एक व कुछ ब्लाकों में दो-दो वैन भेजी गई हैं। ताकि बीमार व बुजुर्गों को भी उनके घर जाकर टीका लगाया जा सके। कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित न रहने पाए।

नोडल अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। सभी एसीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रतिदिन वे गांवों में जाकर ग्राम प्रधानों को प्रेरित कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बैठक कर प्रतिदिन की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।


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