संदिग्ध मानकर क्राइम ब्रांच पीछे पड़ी थी, हकीकत सामने आते ही बदल गया सीन Gorakhpur News
वर्दी वाले बदमाशों को पकडऩे की कोशिश में जुटी पुलिस को झटका लगा है। छह माह तक तीन संदिग्ध व्यक्ति को बदमाश समझकर निगरानी की जा रही थी। लेकिन बाद में पता चला कि वे मजदूर हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। वर्दी वाले बदमाशों को पकडऩे की कोशिश में जुटी पुलिस को एक बार फिर झटका लगा है। छह माह तक तीन संदिग्ध व्यक्ति को बदमाश समझकर निगरानी की जा रही थी। लेकिन बाद में पता चला कि वे मजदूर हैं। घटना के समय वह शहर में मौजूद थे।
शहर के कोतवाली व कैंट क्षेत्र में कई वारदात को अंजाम दे चुके वर्दीधारी बदमाशों की दो साल से तलाश चल रही है। कोतवाली पुलिस को छानबीन में कई संदिग्ध लोगों का मोबाइल नंबर मिला था। यह लोग घटना के समय घटनास्थल के आसपास ही मौजूद थे। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने जांच की तो पता चला कि सभी मजदूर हैं। जिस दिन घटना हुई वे मजदूरी करने शहर में आए थे।
शहर में हुईं प्रमुख घटनाएं
24 अक्टूबर 2017 : एसओजी का सिपाही बताकर कोतवाली क्षेत्र में कोलकाता के व्यापारी से 7.50 लाख रुपये लूटे।
आठ नवंबर 2017 : रेती रोड पर कानपुर के ट्रांसपोर्टर से तेजनारायण के बैग में रखे 1.56 लाख रुपये निकालकर फरार हो गए।
27 अक्टूबर 2017 : असुरन में बदमाश ने खुद को चौकी प्रभारी बताकर एक स्कूल प्रबंधक की पत्नी के गहने उतरवा लिए।
छह अक्टूबर 2018 : अलहदादपुर की रहने वाली महिला को बेतियाहाता में रोक लिया। खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिला के गहने उतरवाया और फरार हो गए।
छह जनवरी 2019 : साहबगंज में खुद को एसटीएफ का सिपाही बता बदमाशों ने किराना व्यापारी के मुनीम से 92 हजार रुपये उड़ा दिए।
13 जनवरी 2019 : सिवान (बिहार) के फतेहपुर निवासी चश्मा व्यापारी मंजर आलम के कर्मचारी मुन्ना से 25 हजार रुपये और आठ चश्मा ले लिया।
दो मार्च 2019 : माया कॉम्पलेक्स के पास व्यापारी की पत्नी के गहने लूटा।
18 मार्च 2019 : कुशीनगर के व्यापारी से नखास रोड पर लूट का प्रयास किया। करतूत सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई।
चार अप्रैल 2019 : गोलघर में महराजगंज के सर्राफ के बैग से पांच हजार रुपये और कपड़े निकाल लिए।
पुलिसकर्मी बताकर जालसाजी व लूट करने वाले बदमाशों की तलाश चल रही है। कुछ लोगों को संदिग्ध मान पुलिस निगरानी कर रही थी। छानबीन में पता चला कि वे मजदूर हैं। - बीपी सिंह, सीओ कोतवाली