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बदहाल है शहर का सबसे वीआईपी वार्ड

गोरखपुर : शहर में वीआईपी समझे जाने वाले वार्ड नंबर 65 पुराना गोरखपुर के बाशिंदे भी नारक

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Sep 2017 01:10 AM (IST)Updated: Thu, 07 Sep 2017 01:10 AM (IST)
बदहाल है शहर का सबसे वीआईपी वार्ड
बदहाल है शहर का सबसे वीआईपी वार्ड

गोरखपुर : शहर में वीआईपी समझे जाने वाले वार्ड नंबर 65 पुराना गोरखपुर के बाशिंदे भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। घनी आबादी वाले इस वार्ड में गोरखनाथ मंदिर भी आता है, लेकिन गंदगी और जलभराव से शायद ही कोई गली या मोहल्ला अछूता हो। यहा की सड़कों और गलियों में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इसके अलावा पानी की सप्लाई भी ठीक नहीं है। लगभग 20 हजार से ज्यादा आबादी वाले इस वार्ड के लोगों का कहना है योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों को उम्मीद जगी कि अब वार्ड की सूरत बदल जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सफाई के नाम पर गोरखनाथ मंदिर के सामने के हिस्से को छोड़कर बाकी जगहों पर सप्ताह में कभी-कभार ही सफाई होती है। वार्ड में लगे अधिकांश हैंडपंप काम नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर सड़कें अतिक्रमण के चपेट में है।

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सीएम का आवास होने के कारण पुराना गोरखपुर वार्ड को सबसे वीआईपी वार्ड की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि वीआईपी वार्ड से वहां के लोगों को कोई फायदा नहीं है। गोरखनाथ मंदिर के चारों तक लोगों ने सड़क पर ही अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण के कारण नाली-नालों की सफाई भी नहीं हो पाती। मंदिर के मुख्यद्वार से महज 25 मीटर की दूरी पर कूड़े का ढेर साल भर पड़ा रहता है। नगर निगम से शिकायत करते-करते लोग थक गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। जाहिदाबाद में ढाई माह पहले सड़क बनी थी, लेकिन बिजली विभाग ने अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए पूरी सड़क को ही खोद दिया। नालियां सिल्ट से भरी हुई हैं और सफाई कर्मी हफ्तों नजर नहीं आते। कुंती नगर और गोबरहिया टोला के निवासियों की शिकायत है कि नियमित सफाई न होने के कारण हल्की बारिश में भी सड़क पर घुटने तक पानी लग जाता है। पथ प्रकाश की व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त है। मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश गलियों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। इस वार्ड की स्थिति दूसरे वार्डो से भी बदतर हो चुकी है।

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क्या कहना है लोगों का

सड़क पर अतिक्रमण करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गोरखनाथ थाने से सटी सड़क पर पहले दो दुकानों थी अब 30 दुकानें हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

सलीम

गंदगी में रहने की आदत सी पड़ गई है। जगह-जगह सड़क टूटी होने की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन कोई नहीं सुनने वाला है। नगर आयुक्त को भी कई बार समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है।

अयूब अहमद

नालियां सिल्ट से भरी होने के बाद भी सफाई कर्मी नजर नहीं आते। गंदगी के कारण मच्छरों के प्रकोप के साथ ही साथ बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। कई बच्चे डायरिया के चपेट में आ चुके हैं।

आसिफ

नगर निगम के अधिकारी एक बार वार्ड में घूमकर देख लें कि सफाई की क्या स्थिति है। सफाई और मूलभूत सुविधाओं के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है। टैक्स लेने वाली नगर निगम एक भी सुविधाएं मुहैया नहीं कराती।

चंद्रप्रकाश

मोहल्ले में सफाई की स्थिति बदतर है। जबकि हमारी हमलोग गोरखनाथ मंदिर से महज पचास मीटर की दूरी पर रहते हैं। हल्की बारिश में भी घंटों सड़क पर जलभराव रहता है। जलभराव के कारण अक्सर लोग सड़क पर गिर जाते हैं।

पप्पू

मोहल्ले में सफाई नहीं होती। कभी-कभार सफाई कर्मी नजर आते हैं जो अपनी मर्जी का कार्य कर लौट जाते हैं। नालियां देखकर कोई भी अंदाजा लगा लेगा कि आखिरी बार सफाई कब हुई होगी।

दीपिका

सफाई की इतनी बदहाल व्यवस्था कभी नहीं थी। सड़क पर हफ्तों कूड़ा पड़ा रहता है। नगर निगम के अधिकारी तो दूर कभी कर्मचारी भी मोहल्ले में झांकने नहीं आते। बारिश के बाद तो नर्क जैसे हालात हो जाते हैं।

सुनीता

पुराना गोरखपुर सिर्फ नाम का वीआईपी वार्ड है। गंदगी के कारण मच्छरों के साथ-साथ बीमारियां भी दस्तक दे रही हैं। सुविधाओं के अभाव में मोहल्ले के लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं।

ममता

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कोट

वार्ड नंबर 65 की समस्याओं से अवगत हूं। कुछ जगहों पर अंडरग्राउंड केबल बिछाने के लिए बिजली विभाग ने गड्ढा खोदा था जिसके कारण स्थिति खराब हुई है। वार्ड की सड़कों एवं नालियों को ठीक करने और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक प्लान बनाया जा रहा है जिसे अगले माह से अमल में लाया जाएगा।

प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त

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यह भी जानें

वार्ड की कुल आबादी - 20000

मतदाताओं की संख्या - 12500

सफाई कर्मियों की संख्या - 21

सम्मलित मोहल्ले-

पुराना गोरखपुर, जाहिदाबाद, वजीराबाद कालोनी, मछली दफ्तर, नौरंगाबाद, गोबरहा टोला, कुंती नगर एवं दिग्विजयनगर आंशिक।


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