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chhath puja : 'नहाय-खाय' के साथ शुरू हुआ छठ उत्सव ; ऐसे करें छठ की पूजा, ब्रत में यह करें Gorakhpur News

भगवान सूर्य की उपासना के चार दिवसीय उत्सव छठ व्रत की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय से हो गया। शुक्रवार को खरना के साथ ब्रत शुरू होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 03:14 PM (IST)
chhath puja : 'नहाय-खाय' के साथ शुरू हुआ छठ उत्सव ; ऐसे करें छठ की पूजा, ब्रत में यह करें Gorakhpur News
chhath puja : 'नहाय-खाय' के साथ शुरू हुआ छठ उत्सव ; ऐसे करें छठ की पूजा, ब्रत में यह करें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भगवान सूर्य की उपासना के चार दिवसीय उत्सव छठ व्रत की शुरुआत गुरुवार को 'नहाय-खाय' से हुई। घरों में साफ-सफाई की गई। व्रती महिलाओं ने नहा-धोकर सात्विक भोजन किया तथा मंगल कामनाओं के साथ व्रत रहने का संकल्प लिया। इसके बाद छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गईं।

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आज से शुरू होगा ब्रत

व्रती महिलाओं ने स्वच्‍छता के साथ बाल धुले, नाखून काटे और प्रसाद स्वरूप शाकाहारी भोजन ग्रहण किया। शाम को परिजनों के साथ बाजार गईं और पूजन सामग्रियों की खरीदारी की। शुक्रवार को 'खरना' के साथ सूर्यषष्ठी व्रत शुरू हो जाएगा।

इस दिन व्रती महिलाएं आंशिक उपवास रहेगी, अर्थात दिन में व्रत रहने के उपरांत शाम को स्वच्‍छता से धुले स्थान पर चूल्हे को स्थापित कर अक्षत, धूप, दीप व सिंदूर से उसकी पूजा करेंगी। इसके बाद प्रसाद के लिए रखे हुए आटे से फुल्के तथा साठी की खीर बनाएंगी। इसे 'रसियाव-रोटी' भी कहा जाता है। बाद में चौके में ही 'खरना' करेंगी। यही रसियाव-रोटी खाने के बाद उनका छठ व्रत शुरू हो जाएगा।

शनिवार को दिया जाएगा अर्घ

शनिवार को पूरे दिन व्रत रहकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देंगी। पुन: घर लौट आएंगी, उनका व्रत जारी रहेगा जो पुन: रविवार को प्रात:कालीन सूर्य को अघ्र्य देने के साथ पूर्ण होगा। खरना के दिन रोटियां बनाने के बाद बचे हुए आटे से एक छोटी रोटी बनाकर रखेंगी, जिसे ओठगन कहते हैं। अंतिम दिन इसी रोटी से व्रत तोड़ेंगी।

मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर भी छठ पूजा की तैयारी

उधर, छठ पर्व को लेकर घाटों पर श्रद्धालुओं ने अपनी जगह चिह्नित कर ली है। वेदी बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है। अब राजघाट पर, वह भी पानी के किनारे जगह मिलनी मुश्किल है। यही हाल शंकर घाट तकिया, हनुमानगढ़ी, रामगढ़ताल व महेसरा ताल पर भी है। वेदियां लगभग तैयार कर ली गई हैं। बची-खुची वेदियों को बनाने में देर शाम तक श्रद्धालु जुटे रहे।

यहां हुई विशेष तैयारी

राजघाट, शंकर घाट, लालडिग्गी, डोमिनगढ़, गोरखनाथ मंदिर, सूर्यकुंड धाम, मानसरोवर पोखरा, जटाशंकर पोखरा, जगन्नाथपुर दुर्गा मंदिर, बिछिया, रामगढ़ताल तथा विष्णु मंदिर सहित अनेक मुहल्लों में अनेक स्थानों पर अस्थायी पोखरे की व्यवस्था कर छठ पूजा की तैयारियां की गई हैं।

राजघाट से लेकर लगभग तीन सौ मीटर उत्तर तक पानी के किनारे का स्थान आरक्षित कर लिया गया है। किसी ने रस्सियों से घेरकर झंडी लगा दी है तो किसी ने झालर। श्रद्धालुओं ने अपने लिए आरक्षित की हुई जगह पर साफ-सफाई कर जमीन को समतल कर लिया है। पानी के किनारे तक उतरने के लिए सीढिय़ां बनाई गई हैं। ज्यादातर वेदियों का निर्माण देर शाम तक हो चुका था। इसके अलावा मुहल्लों में मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर भी वेदियों का निर्माण किया जा रहा है।

छठ व्रत में यह करें

नहाय-खाय के बाद से ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

षष्ठी के दिन यानी दो नवंबर को सुबह वेदी पर जाकर छठ माता की पूजा करें, फिर घर लौट आएं।

दोपहर बाद घाट पर पुन: वेदी के पास जाएं, पूजन सामग्री वेदी पर चढ़ाएं व दीप जलाएं।

सूर्यास्त 5.32 बजे है, इस समय अस्ताचलगामी सूर्य को दीप दिखाकर प्रसाद अर्पित करें, दूध व जल चढ़ाएं तथा दीप जल में प्रवाहित करें।

तीन नवंबर को भोर में परिजनों के साथ निकल जाएं और घाट पर पहुंचें। सूर्योदय 6.29 बजे है। पानी में खड़ा होकर सूर्य उदय की प्रतीक्षा करें।

सूर्य का लाल गोला जब दिखने लगे तो दीप अर्पित कर उसे जल में प्रवाहित करें, अंजलि से जल अर्पित करें, दूध चढ़ाएं और प्रसाद भगवान सूर्य को अर्पित करें।

स्वयं भी प्रसाद अपने आंचल में लें और आंचल का प्रसाद किसी को न दें।

प्रसाद का वितरण करें, घर आकर हवन करें और ओठगन, काली मिर्च तथा गन्ने के रस या शरबत से व्रत तोड़ें।

आस्था के बाजार में उमड़े खरीदार

छठ पूजा ने महानगर में एक बड़ा बाजार तैयार किया है। अनेक सड़कें व चौराहे गुरुवार को बाजार के रूप में तब्दील हो गए थे। बाजार में आस्था व उल्लास देखने लायक था। छठ पर्व से संबंधित सामग्रियों की खरीदारी शुरू हो गई। देर शाम तक चहल-पहल बनी रही। धर्मशाला, असुरन, रुस्तमपुर, रीड्स धर्मशाला, गोरखनाथ, घंटाघर व कूड़ाघाट, आर्यनगर आदि स्थानों पर छठ के बाजार सजे थे। दउरा, सुपेली, पूजन सामग्री, साठी का चावल सहित अनेक प्रकार के फल व सब्जियां बाजार में उपलब्ध थीं। न्यूजीलैंड, थाईलैंड, जापान व अमेरिका से भी फल मंगाए गए हैं। ऐसे भी फल आए हैं, जो केवल छठ पूजा के समय में ही यहां दिखाई पड़ते हैं। आम, अमरख, बड़ा नींबू, जापानी अंगूर, ड्रैगन, प्लम आदि फल खरीदारों को आकर्षित कर रहे थे। बाजार तो सुबह ही सज गए, खरीदारों का आना भी शुरू हो गया लेकिन शाम होते-होते बाजार खरीदारों से भर गए। हर दुकान पर व्रती महिलाएं व उनके परिजन मोल-भाव करते दिखे। देर शाम तक खरीदारी होती रही। दुकानों की संख्या भी अचानक कई गुना बढ़ गई थी।

ड्रोन कैमरे से होगी घाटों की निगरानी

सुरक्षा को लेकर भारी-भरकम बंदोबस्त किया गया है। नगर निगम से चिह्नित प्रमुख घाटों के साथ ही छोटे-बड़े तालाबों पर भी पूजा के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। आपात स्थिति से निपटने के लिए घाटों, तालाबों पर एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम भी तैनात रहेगी। सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान मौजूद रहेंगे। घाटों की तरफ जाने वाले रास्तों पर यातायात व्यवस्था में बदलाव करने की भी तैयारी है।

नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में फिलहाल 14 प्रमुख घाटों को चिह्नित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। नदियों के अलावा करीब-करीब सभी तालाबों, पोखरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा करने पहुंचते हैं। एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त के निर्देश पर थाने स्तर पर ऐसे सभी घाटों, तालाबों और पोखरों को पहले ही चिह्नित कर लिया गया है। इनकी सुरक्षा में तीन हजार से अधिक पुलिस व पीएसी के जवान तैनात किए जाएंगे। इसमें प्रशिक्षु सिपाही भी शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में घाटों और तालाबों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

घाटों की निगरानी के लिए तीन ड्रोन कैमरे में भी लगाए जाएंगे। अलग-अलग समय पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी। सभी प्रमुख घाटों पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। ग्रामीण इलाके में एसपी नार्थ और एसपी साउथ सुरक्षा की कमान संभालेंगे जबकि शहरी क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक नगर के हाथ में कमान रहेगी। एसएसपी खुद भी पुरी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे।

छठ पर्व पर सुरक्षा में भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाने के लिए कुछ मार्गों पर यातायात में भी बदलाव किया जाएगा। - डा. सुनील गुप्त, एसएसपी


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