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केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने की किसानों की सर्वाधिक चिंता, मंत्री ने गिनाईं प्रदेश सरकार की उपलब्धियां

प्रदेश के बागवानी कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार कृषि निर्यात स्वतंत्र प्रभार मंत्री श्रीराम चौहान पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केंद्र में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 5वीं जिला स्तरीय जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 04:10 PM (IST)
केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने की किसानों की सर्वाधिक चिंता, मंत्री ने गिनाईं प्रदेश सरकार की उपलब्धियां
प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीराम चौहान ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश के बागवानी, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात स्वतंत्र प्रभार मंत्री श्रीराम चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सरकारों की अपेक्षा किसानों की सर्वाधिक चिंता की। किसानों की आय बढ़ाने के लिए न सिर्फ योजनाएं लाएं, बल्कि किसानों को योजनाओं से जोडऩे के लिए विभागों को लक्ष्य भी दिया और लक्ष्य को हासिल भी किया। किसानों को भी चाहिए कि वह सरकार की योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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जिला स्‍तरीय जागरूकरता कार्यशाला को किया संबोधित

मंत्री श्रीराम चौहान पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केंद्र में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए 5वीं जिला स्तरीय जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। हाफेड एवं बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि किसान एफपीओ (कृषि उत्पादक संगठक) के जरिए 50 हेक्टेयर की औद्यानिक खेती करके 10 लाख तक अनुदान ले सकते हैं। किसानों को बागवानी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है तो वह औद्याानिक उत्पादकों द्वारा समितियों/समूहों में संगठित होकर अपने उत्पादों को बड़े बाजारों में उतारे।

योजनाओं के बारे में दी जानकारी

मंत्री श्रीराम चौहान ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, पर ड्राप मोर क्राप जैसी विभिन्न योजनाओं के विषय में जानकारी दी। कार्यशाला में हाफेड के एमडी अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने बागवानी फसलों के जीवन चक्र में विपणन की भूमिका के विषय में बताया। किसानों से अपील किया कि वह हाफेड के साथ फसलों के विपणन के लिए आगे आए।

केले की खेती व उसके बाजार की दी गई जानकारी

उप निदेशक बागवानी डीके वर्मा ने कार्यशाला में बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति की सराहना की। कृषिविज्ञान केंद्र बेलीपार के अध्यक्ष डा.एसके तोमर ने केले की खेती व उसके बाजार के विषय में किसानों को जानकारी दी। जिला उद्यान अधिकारी एके तिवारी ने किसानों के लिए अनुदान के साथ विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यशाला में गोरखपुर मंडल के 15 उत्कृष्ट किसानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

किसानों को दी गई तकनीकी जानकारी

तकनीकी सत्र में संयुक्त निदेशक बागवानी व खाद्य प्रसंस्करण विभाग बस्ती अतुल सिंह, मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ राजू सिंह, मशरूम की खेती के विशेषज्ञ स्वतंत्र सिंह, केवीके बेलीपार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा एसपी सिंह आदि ने किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।

मानव समाज का मेरूदंड है धर्म

भारतीय समाज सदा से ही धर्मपरायण रहा है। सामाजिक विशिष्टताओं के कारण ही यहां विभिन्न धर्मों का आदर एवं सम्मान किया जाता है। प्राचीन समय से ही इनकी निरंतरता बनी हुई है। हमारे जीवन के प्रत्येक छोटे-बड़े कार्य धर्म की प्रेरणा से संचालित होते हैं। मानव सदैव धर्म से अभिप्रेरित होता है अर्थात जहां मानव की उपस्थिति होती है वहां धर्म अवश्य होता है। धर्म मानव समाज का मेरूदंड है।

समाज को प्रभावित करते हैं धर्म के विभिन्‍न आयाम

यह बातें बापू पीजी कालेज पीपीगंज के समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डा.श्रीराम यादव ने कही। वह बुधवार को एमपी महाविद्यालय जंगल धूसड़ में समाजशास्त्र विभाग 'धर्म का सामाजिक जीवन पर प्रभाव' विषय पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म के विभिन्न आयाम समाज को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रभावित करते हैं। धर्म की उत्पत्ति सत्य से होती है। धर्म का निवास क्षमा में होता है और क्रोध से उसका नाश हो जाता है। धर्म मानव समाज का कवच है।

कमजोर हो रहा है धर्म का व्‍यवहारिक व उपयोगी पक्ष

समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डा.हनुमान प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि धर्म हमारे सामाजिक जीवन को विभिन्न प्रकार से अनुप्राणित करता रहा है। आज धर्म का व्यावहारिक और उपयोगी पक्ष कमजोर होता जा रहा है और कर्तव्य-पालन के स्थान पर व्यक्ति बाह्य आडंबरों और अनेक कर्मकांडों में फंस गया है। यदि व्यक्ति धर्मानुसार आचरण करे तो एक स'चरित्र एवं समाजोपयोगी प्राणी बन सकता है। संचालन समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य बृजभूषण लाल ने किया। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग के सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


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