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MMMUT: इंजीनियरिंग छात्रों के हित में महत्वपूर्ण फैसला, अब बीटेक अंतिम सेमेस्‍टर की नहीं होगी परीक्षा Gorakhpur News

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अब अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई किसी इंडस्ट्री में करनी होगी जिसे विश्वविद्यालय न केवल अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा मानेगा बल्कि इंडस्ट्री में प्रदर्शन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर का नंबर भी निर्धारित करेगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 04:09 PM (IST)
MMMUT: इंजीनियरिंग छात्रों के हित में महत्वपूर्ण फैसला, अब बीटेक अंतिम सेमेस्‍टर की नहीं होगी परीक्षा Gorakhpur News
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम को बाजारोपयोगी बनाने के लिए बीटेक के अंतिम सेमेस्टर को इंटर्नशिप के नाम करने फैसला किया है। यानी विद्यार्थियों को अब अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई किसी इंडस्ट्री में करनी होगी, जिसे विश्वविद्यालय न केवल अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा मानेगा बल्कि इंडस्ट्री में प्रदर्शन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर का नंबर भी निर्धारित करेगा। वह नंबर इंडस्ट्री के फीडबैक और इसे लेकर विश्वविद्यालय द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर होगा। विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम को स्किल ओरिएंटेड बनाने के क्रम में यह फैसला लिया है।

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इंटर्नशिप के नाम होगा बीटेक का अंतिम सेमेस्टर

बीटेक का पाठ्यक्रम कुल आठ सेमेस्टर का होता है। अबतक की व्यवस्था के अनुसार विद्यार्थियों को छठे सेमेस्टर के बाद एक महीने की इंटर्नशिप करनी होती थी। इसके चलते विद्यार्थी इंडस्ट्री का वह अनुभव हासिल नहीं कर पाते थे, जिसकी उनको करियर में जरूरत होती है। अब वह छह महीने का वक्त इंटर्नशिप को दे पाएंगे, जिससे उनका पाठ्यक्रम से जुड़ा व्यावहारिक ज्ञान पुख्ता होगा। इस नई व्यवस्था से विद्यार्थियों को अंतिम वर्ष की पढ़ाई के दौरान आने वाली एक और समस्या से निजात मिल जाएगी। अंतिम वर्ष में कैंपस सेलेक्शन के बाद विद्यार्थियों को कंपनी और विश्वविद्यालय के अध्ययन-अध्यापन से जुड़े नियमों के बीच उलझे रहना पड़ता था। ऐसे में वह न तो कंपनी के प्रति समर्पण दिखा पाते थे और न ही पढ़ाई के प्रति। फैसले का फायदा यह होगा कि विद्यार्थी अब पूरा ध्यान इंडस्ट्री से मिलने वाले व्यावहारिक ज्ञान को हासिल करने में लगा सकेंगे, जिसका सीधा फायदा उन्हें भविष्य में करियर संवारने में मिलेगा।

अगले सत्र से ही नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी

इस सहूलियत के लिए विद्यार्थियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगले ही सत्र से इसे शुरू कर देने की तैयारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर ली है। एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से हर वह कोशिश की जा रही है, जिससे विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम पूरा करने बाद बेहतर रोजगार के लिए भटकना न पड़े। इसी क्रम में अध्ययन-अध्यापन की व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। अंतिम सेमेस्टर को इंटर्नशिप सेमेस्टर में तब्दील करने का फैसला इसी क्रम में लिया गया है।


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