नेपाल से भारत पैदल आई दुल्हन, बराती अपने सिर पर लेकर आए सामान
भारत-नेपाल सीमा सील होने की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शादी विवाह पर इसका असर पड़ रहा है। सीमा सील होने के कारण यूपी के महराजगंज जिले दूल्हा पैदल अपनी दुल्हन को लेने नेपाल गया। वहां से पैदल ही दुल्हन के साथ लौटा।
गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा कोरोना महामारी को लेकर सील है। बॉर्डर सील होने की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शादी विवाह पर इसका असर पड़ रहा है। इसका एक नजारा महराजगंज जिले के झुलनीपुर सीमा पर देखने को मिला जहां दूल्हा पैदल अपनी दुल्हन को लेने नेपाल गया। वहां से पैदल ही दुल्हन के साथ लौटा। भारतीय सीमा में प्रवेश के बाद दोनों को गाड़ी से घर ले जाया गया।
नौ माह से सील है भारत नेपाल सीमा
भारत-नेपाल के रिश्ता वर्षों से रोटी-बेटी का रहा है। सीमा क्षेत्र के अधिकांश परिवारों के रिश्ते दोनों देशों में हैं। लेकिन हाल के दिनों में नेपाल से बिगड़ते रिश्तों व कोरोना के कहर से विगत नौ माह से भारत नेपाल सीमा सील है। लॉकडाउन खुलने व लगन शुरू होते ही पहले से तय शादियों को मुहूर्त देखकर पूर्ण किया जा रहा है। लेकिन सीमा पार जुड़े रिश्तें अब दोनों परिवारों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं।
महराजगंज से नेपाल गई थी बरात
महराजगंज जिले के रामपुर मीर से बरात नेपाल के नरसही वार्ड नंबर सात गोकुल नगर नवलपरासी सुस्ता गांव पालिका में राजेंद्र चौहान के वहां बरात जानी थी। प्रदीप चौहान ने बताया कि सीमा पर दूल्हे की गाड़ी को नेपाल में अंदर जाने नहीं दिया गया। जिससे दूल्हा पैदल चलकर नरसही वार्ड नंबर सात में पहुंचा। वापसी में दूल्हा दुल्हन पैदल चलकर नेपाल से भारत सीमा पर पहुंचे। वहां भारतीय वाहन से फिर अपने घर को गए।
दो जगह तय करना पड़ा वाहन
सामान को भी कई बराती सिर पर लेकर सीमा पार ले आए। दूल्हे के पिता प्रदीप चौहान ने बताया की सीमा सील होने से दोनों तरफ गाड़ियां तय करनी पड़ी। तब जाकर दुल्हन और सामान घर तक पहुंचा। इससे जेब पर भारी खर्च पड़ रहा है। बॉर्डर क्षेत्र के ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि लगन को देखते हुए दूल्हे और दुल्हन की गाड़ियां इस पार से उस पार जाने दिया जाए ताकि शादी की रस्म पूरी हो सके।