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खुलेगी सीमा तो मिलेगी कारोबार को राह, 11 माह से चौपट है व्यापार Gorakhpur News

गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद भारत-नेपाल सीमा के दोनों तरफ हर्ष का माहौल है। नेपाल सरकार भारत के साथ लगी सीमा खोलने की तैयारी कर रही है। इसका लाभ नेपाल के लोगों को मिलेगा ही भारत को भी कारोबारी फायदा होगा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 05:00 PM (IST)
खुलेगी सीमा तो मिलेगी कारोबार को राह, 11 माह से चौपट है व्यापार Gorakhpur News
भारत-नेपाल की सोनौली सीमा का मुख्यद्वार। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : नेपाल के गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद भारत-नेपाल सीमा के दोनों तरफ हर्ष का माहौल है। नेपाल सरकार भारत के साथ लगी अपनी सीमा खोलने की तैयारी कर रही है। सीमा खोलने  का लाभ नेपाल के लोगों को मिलेगा ही, भारत को भी कारोबारी फायदा होगा।रोटी-बेटी के रिश्ते में मिठास आएगी। वसंत पंचमी पर होने वाली शादियों में बरात आ-जा सकेगी। सीमा खुलने से महराजगंज के सोनौली, नौतनवां, ठूठीबारी, बरगदवां, परसामलिक सहित नेपाल के महेशपुर, भैरहवा, बेलहिया, परासी आदि कस्बों में भी व्यापार को रफ्तार मिलेगी। 11 माह से सीमा सील होने से दोनों तरफ के सीमावर्ती बाजारों की रौनक गायब हो गई है। नेपाल के गृह मंत्रालय की तरफ से  महराजगंज से लगे नवलपरासी जिले के महेशपुर, त्रिवेणी सहित सभी 16 नाकों को खोलने का आदेश दिए जाने के  बाद अब मुरझाए चेहरों पर खुशी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।

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सीमा खुलने से बढ़ेगी आर्थिक गतिविधियां

नेपाल के गृह मंत्रालय की पहल के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारी खासे उत्साहित हैं। ठूठीबारी कस्बे के प्रमुख व्यापारी पशुपति नाथ रौनियार, धनानंद जायसवाल, अनंत रौनियार, अतुल रौनियार, राहुल वर्मा, गणेश वर्मा ने कहा कि सीमा खुलने का इंतजार बहुत दिनों से था। बीते 11 माह से सीमावर्ती क्षेत्र में व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है। व्यापारी पलायन का विचार बना रहे थे। अब उम्मीद है कि शीघ्र सीमा खुलने के बाद व्यापारिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। नेपाल स्थित महेशपुर के व्यापारी रामेंद्र निगम, नागेंद्र कसौंधन, हेमंत मद्धेशिया व प्रमोद निगम भी नेपाल सरकार के निर्णय से खुश हैं।

दरकने लगा था रोटी-बेटी का रिश्ता

लंबे समय से सीमा सील होने के चलते आर्थिक गतिविधियों के साथ ही सामाजिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा था। सीमा सील होने से दोनों देशों के लोग एक-दूसरे देश में रिश्ता करने से परहेज कर रहे थे। अब नेपाल सरकार के निर्णय से सभी उत्साहित हैं। गोरखा परिषद के अध्यक्ष मनोज राना ने बताया कि भारत-नेपाल के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता कायम है, लेकिन बीते 11 माह से इस रिश्ते में ठहराव सा आ गया था। अब उम्मीद है कि सीमा खुलने के बाद सब पहले की तरफ सामान्य हो जाएगा।


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