बढ़ता जा रहा पीएम आवास के आवंटियों का इंतजार, जानें-क्यों नहीं मिल रहा कब्जा Gorakhpur News
जीडीए मानबेला में 1488 आवास बनाए गए हैं। 4.50 लाख कीमत वाले इन आवासों में 2.50 लाख रुपया शासन से जीडीए को मिलना है। शेष रकम छह किस्तों में लाभार्थी को देना है। लाक डाउन से पहले लाटरी निकालकर 1242 लोगों को आास आवंटित किया जा चुका है।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवासों के आवंटियों का इंतजार अभी भी खत्म नहीं हुआ है। करीब एक साल से आवंटन पत्र लेकर आवंटी विभाग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें कब्जा नहीं मिल पाया है। कब्जा कब तक मिलेगा, इस बारे में कोई भी जिम्मेदार बताने की स्थिति में नहीं है।
जीडीए मानबेला में 1488 आवास बनाए गए हैं। 4.50 लाख कीमत वाले इन आवासों में 2.50 लाख रुपया शासन से जीडीए को मिलना है। शेष रकम छह किस्तों में लाभार्थी को देना है। लाक डाउन से पहले लाटरी निकालकर 1242 लोगों को आास आवंटित किया जा चुका है। आवंटियों ने किस्त भरना भी शुरू कर दिया है लेकिन उन्हें कब्जा अब तक नहीं मिल पाया है। जीडीए को शासन की ओर से अभी दूसरी किस्त नहीं मिली है। कुछ दिनों तक काम प्रभावित भी था लेकिन अब धीरे-धीरे आवासों के भीतर के काम किए जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर उसे बजट मिल चुका है और संपर्क मार्ग का काम चल रहा है। यहां पानी की आपूर्ति का काम जल निगम को, जल निकासी की व्यवस्था नगर निगम को जबकि बिजली की व्यवस्था बिजली निगम को करनी है। इन विभागों को शासन की ओर से अभी धनराशि नहीं मिली है, जिसके कारण काम शुरू नहीं हो पाया है।
किराया भी और किस्त भी
प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान आवंटित कराने वाले अल्प आय वर्ग के लोग हैं। उनके लिए जीडीए के किस्त की व्यवस्था करना भी कठिन था लेकिन किसी तरह किस्त की व्यवस्था की है। अधिकतर लोग किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे में कब्जा न मिलने से उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। समय से किस्त न देने पर ब्याज लगने का डर है इसलिए किस्त चुकायी जा रही है। इनमें से अधिकतर लोग किराए के मकान में रहते हैं, जिसके चलते मकान का किराया भी देना पड़ रहा है। जीडीए के मुख्य अभियंता पीपी सिंह का कहना है कि जीडीए को अभी दूसरी किस्त नहीं मिली है लेकिन आवासों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। अन्य विभागों के कार्य अभी शुरू नहीं हो पाए थे। जल्द आवंटियों को कब्जा दिया जाएगा।