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अरे, टेंडर फाइनल ही नहीं और काम शुरू---Gorakhpur News

सीएंडडीएस के डायरेक्टर उमाशंकर दुबे ने कहा है कि बिना टेंडर फाइनल हुए काम नहीं शुरू कराया जा सकता। किसको ठेका मिलेगा इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 10:32 AM (IST)
अरे, टेंडर फाइनल ही नहीं और काम शुरू---Gorakhpur News
अरे, टेंडर फाइनल ही नहीं और काम शुरू---Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम के सदन भवन का टेंडर अभी फाइनल नहीं हुआ है। ठीकेदार कौन होगा, अभी किसी को पता नहीं है लेकिन काम शुरू हो गया है। सदन भवन की जमीन पर कार्यालय बन गया है, पुरानी बाउंड्री गिरा दी गई है, अस्थाई बाउंड्री बनाई जा रही है।

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अफसरों के पास भी जवाब नहीं

कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) के अफसरों के पास भी इसका जवाब नहीं है कि जो काम हुआ है उसके रुपये कौन खर्च करेगा। जबकि हकीकत यह है कि मौखिक निर्देश के बाद काम टेंडर डालने वाले एक ठीकेदार से कराया जा रहा है। यदि ठीकेदार को काम मिला तो ठीक नहीं तो जिसे काम मिलेगा उससे खर्च हुए रुपये वापस दिला दिए जाएंगे।

23.45 करोड़ से बनेगा

23.45 करोड़ की लागत से नगर निगम का सदन भवन बनेगा। 16 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन भवन का शिलान्यास किया था। जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को काम सौंपा गया है। नगर निगम के पुराने स्टोर की जमीन सदन भवन के लिए निर्धारित की गई है।

15 सौ वर्गमीटर में बनेगा भवन

सदन भवन 1500 वर्ग मीटर में बनेगा। पांच मंजिला भवन के लोअर बेसमेंट में पार्किंग बनाई जाएगी। अपर बेसमेंट का 50 फीसद हिस्सा पार्किंग और 50 फीसद हिस्से दुकानें बनाई जाएंगी। ग्राउंड फ्लोर पर 50 फीसद क्षेत्र में निगम के कार्यालय और बचे हिस्से में दुकानें बनाई जाएंगी। इसी तरह फस्र्ट फ्लोर पर 50 फीसद हिस्से में नगर निगम के कार्यालय और बचे हिस्से में नगर निगम का सदन खुलेगा। सेकेंड फ्लोर पर 50 फीसदी हिस्से में निगम के कार्यालय और 50 फीसद हिस्से में दुकानें बनाई जाएंगी। थर्ड फ्लोर का उपयोग नगर निगम करेगा।

मार्च 2020 है शुरू होने की तिथि

सदन भवन की जमीन के बाहर सीएंडडीएस ने अपना बोर्ड भी लगा दिया है। इस पर कार्य प्रारंभ होने की तिथि मार्च 2020 और कार्य पूर्ण होने की तिथि मार्च 2022 दर्ज है।

काम नहीं करा सकते

सीएंडडीएस के डायरेक्टर उमाशंकर दुबे ने कहा है कि बिना टेंडर फाइनल हुए काम नहीं शुरू कराया जा सकता। किसको ठेका मिलेगा इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है। हो सकता है कि कोई छोटा काम हो रहा है। गोरखपुर के परियोजना प्रबंधक से बात की जाएगी।

मान लीजिए, काम नहीं हो रहा है

इस संबंध में सीएंडडीएस यूनिट 42 के परियोजना प्रबंधक पीएन यादव का कहना है कि सदन भवन की जमीन पर कार्यालय के लिए अस्थाई निर्माण हो रहा है। यदि आप कहें तो काम रुकवा दें। हम सिर्फ जमीन का सीमांकन करा रहे हैं। इस काम पर बहुत ज्यादा रुपये नहीं खर्च होंगे। मान लीजिए कि काम नहीं हो रहा है।


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