स्मार्ट बिजली मीटर लगवाकर गायब हो गए गोरखपुर शहर के दस हजार उपभोक्ता Gorakhpur News
अधीक्षण अभियंता ई. यूसी वर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर से कई फायदे हो रहे हैं। शहर क्षेत्र में कई ऐसे उपभोक्ताओं का पता चला है जो नॉन ट्रेशेबुल की श्रेणी में हैं। सभी उपभोक्ताओं
गोरखपुर, जेएनएन। स्मार्ट मीटर वह काम भी करके दिखा रहा है, जिसे बिजली निगम अब तक नहीं कर पाया। शहर में 10 हजार से अधिक ऐसे उपभोक्ता हैं, जो निगम के रडार पर अब तक नहीं आए। न तो मीटर रीडर उनका घर ढूंढ पाए और न ही जांच करने वाली टीम। जब घर-घर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हुआ तो 'गायब हो चुके ऐसे लोगों का पता मिलना शुरू हो गया है। बिजली निगम के अधिकारी उनसे अबतक का बकाया वसूलने की तैयारी कर रहे हैं।
ऐसे पता लगा रहा विभाग
शहर क्षेत्र के चारों वितरण खंडों में कई बिजली उपभोक्ता ऐसे रहे, जिनसे बिल की वसूली नहीं हो पा रही थी। मीटर रीडर क्षेत्र में जाते जरूर थे लेकिन इन उपभोक्ताओं के दिए पते कभी नहीं मिले। इस रिपोर्ट के आधार पर बिजली निगम की जांच टीम ने भी जब इन्हें ढूंढने की कोशिश की तो असफलता ही मिली। धीरे-धीरे निगम ने इन्हें 'नॉन ट्रेशेबुल की श्रेणी में डाल दिया। नगरीय वितरण खंड तृतीय एवं चतुर्थ के अधिशासी अभियंताओं की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान ही हर घर की पहचान करानी शुरू की। मिलान होने पर धीरे-धीरे इन उपभोक्ताओं का पता चलने लगा है। अभी तक करीब 300 उपभोक्ताओं का पता लगाया जा चुका है।
बड़े बकाएदार बन चुके हैं ये उपभोक्ता
स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान निगम के रडार पर आए इन उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर व पता अपडेट किया जा रहा है। अभी तक बिल न जमा कर पाने के कारण ये बड़े बकाएदार भी बन चुके हैं। कई उपभोक्ताओं पर 50 हजार से अधिक बकाया है।
स्मार्ट मीटर के कई फायदे
इस संबंध में अधीक्षण अभियंता ई. यूसी वर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर से कई फायदे हो रहे हैं। शहर क्षेत्र में कई ऐसे उपभोक्ताओं का पता चला है, जो नॉन ट्रेशेबुल की श्रेणी में हैं। सभी उपभोक्ताओं का पता चलेगा।