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दस माह पहले पुलिस को मिली थी रिमी, तनख्वाह 12700 Gorakhpur News

अपराधियों के लिए काल बन चुकी रिमी को पुलिस विभाग की तरफ से हर महीने 12700 रुपये तनख्वाह मिलता है। उसका हर दिन का भोजन 425 रुपये का है। बचे हुए पैसे से रिमी के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 07:00 AM (IST)
दस माह पहले पुलिस को मिली थी रिमी, तनख्वाह 12700 Gorakhpur News
पुलिस विभाग की खोजी कुतिया रिमी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। अपराधियों के लिए काल बन चुकी रिमी को पुलिस विभाग की तरफ से हर महीने 12700 रुपये तनख्वाह मिलता है। उसका हर दिन का भोजन 425 रुपये का है। बचे हुए पैसे से रिमी के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है। देवरिया पुलिस के लिए अहम कड़ी बन चुकी रिमी की चर्चा इन दिनों पुलिस के साथ ही आम लोगों में होने लगी है। रिमी के बेहतर कार्य के चलते  पुलिस विभाग के लिए वह शान मानी जा रही है।

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सुबह दूध तो रात को बकरे का मीट खाती है रिमी

रिमी के रहने व खाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। रिमी को सुबह 600 ग्राम दूध, दो अंडा, ढाई सौ ग्राम आटे की रोटी, जबकि शाम को 600 ग्राम बकरे का मीट, एक पाव उबला हुआ सब्जी, ढाई सौ ग्राम आटे की रोटी दिया जाता है। साथ ही उसने हैंडलर द्वारा ही स्नान भी कराया जाता है।

कई घटनाओं के पर्दाफाश में रिमी की भूमिका रही

20 दिन पूर्व रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र में एक युवक की छेडख़ानी का विरोध करने पर निर्मम हत्या कर दी गई। सर्विलांस व एसओजी को कोई सुराग नहीं मिल रहे थे। मौके पर पहुंची रिमी ने घटना स्थल का एक मुर्गी फार्म से तार जोड़ दिया और पुलिस उसी के आधार पर घटना का अनावरण कर दी। इसके अलावा कई और जगहों पर भी पुलिस के लिए रिमी मददगार साबित हुई है।

आइटीबीपी कैंप से नौ महीने का लिया है प्रशिक्षण

जर्मन शेफर्ड रिमी आज 26 माह की हो चुकी है, जब वह आठ माह की थी तो उसे आंध्र प्रदेश से पंचकूला के आइटीबीपी भानू कैंप को उपलब्ध कराया गया। भानू कैंप में उसे नौ माह का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान उसके हैंडलर सिपाही सत्य प्रकाश यादव भी मौजूद रहे। दस माह पहले यह उत्तर प्रदेश पुलिस को मिलीु देवरिया में इसकी तैनाती की गई।


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