गोरखपुर शहर में घर की गैस पर डाका डाल रहे टेंपो वाले, खामोश है विभाग
गोरखपुर शहर में घरेलू गैस की किल्लत हो गई है। दर असल विभाग की मौन स्वीकृति के चलते घरेलू गैस से टेंपो चलाया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। घर की गैस से शहर में पांच हजार से ज्यादा आटो चल रहे हैं। आपूर्ति विभाग, पुलिस विभाग के संरक्षण में चल रहे इन अवैध केंद्रों पर खुलेआम आटो में घरेलू गैस भर दी जा रही है। एक तरफ इंडक्शन और स्टोव पर भोजन पकाने की नौबत आ गई है तो दूसरी तरफ धंधेबाजों को मुंहमांगा घरेलू गैस सिलेंडर मिल रहा है।
ट्रांसपोर्टनगर पुलिस चौकी से बमुश्किल दौ सौ मीटर दूर गैस रीफिलिंग का धंधा अब उद्योग की शक्ल ले चुका है। बांध किनारे प्लास्टिक की पन्नियों के नीचे दो सिलेंडर और एक वजन करने वाली मशीन देखकर कोई यह समझ भी नहीं पाएगा कि यहां घर की गैस से आटो दौड़ेंगे। एक के बाद एक सैकड़ों आटो इन केंद्रों पर आते हैं और अपनी टंकी में एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) भरवाकर चले जाते हैं। कई आटो वाले तो दिन में दो से तीन चक्कर आकर एलपीजी भरवाते हैं।
एकमात्र पंप पर आते हैं सिर्फ 15 आटो
शहर में एकमात्र एलपीजी पंप देवरिया बाइपास पर है। दस साल से भी ज्यादा पुराने इस पंप पर इन दिनों बमुश्किल 15 आटो आते हैं। प्रोपराइटर विवेक चौधरी कहते हैं कि पंप की स्थिति ठीक नहीं है। अवैध रीफिलिंग के कारण आटो वाले यहां नहीं आते।
सैकड़ों ग्राहकों ने भेजी शिकायत
दैनिक जागरण के वाट्सएप नंबर पर शुक्रवार को भी रसोई गैस न मिलने की शिकायतें मिलती रहीं। सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हो रही है जो तकरीबन एक महीने पहले सिलेंडर बुक करा चुके हैं लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
65 रुपये प्रति किलोग्राम है रेट
आटो में रसोई गैस भरने का रेट वर्तमान में प्रति किलोग्राम 65 रुपये है। धंधेबाजों का कहना है कि पुलिस और आपूर्ति विभाग की जैसी सख्ती रहती है उस हिसाब से रेट तय किया जाता है। यदि सख्ती ज्यादा है तो रेट बढ़ा दिया जाता है।
चलेगा अभियान
जिला पूर्ति अधिकारी आनंद सिंह का कहना है कि रीफिलिंग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। आटो में रसोई गैस भरने की शिकायतें मिल रही हैं। घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयल कंपनी के अफसरों के लगातार संपर्क में हूं।