Gorakhpur Weather News: पछुआ हवाओं के चलते गिरा तापमान, जानें- आगे कैसा रहेगा मौसम
Gorakhpur Weather News गोरखपुर में शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे के बाद से को पछुआ हवाओं के कारण तापमान नीचे आ गया। इसके चलते दिन का अधिकतम तापमान 28.2 व न्यूनतम 15.6 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। शुक्रवार की सुबह हल्का कुहरा छाया रहा। सुबह साढ़े नौ बजे के बाद से पछुआ हवाएं भी चलनी शुरू हो गई। इससे तापमान में और गिरावट के आसार हैं। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय के अनुसार सुबह साढ़े नौ बजे के बाद से को पछुआ हवाओं के कारण ही तापमान में गिरावट आएगी। इसके चलते दिन का अधिकतम तापमान 28.2 व न्यूनतम 15.6 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि करीब 10 दिनों से अधिकतम तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के करीब था। सुबह के समय हवा उत्तर पूरब से दक्षिण पूरब की तरफ बह रही है। पछुआ हवाएं साढ़े नौ बजे के बाद चलनी शुरू हुई हैं। इनकी गति 5 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है।
सात दिनों का न्यूनतम तापमान
शुक्रवार 15.6
शनिवार 15.2
रविवार 13.7
सोमवार 13.6
मंगलवार 14.0
बुधवार 15.8
गुरुवार 16.0
नवंबर को औसत तापमान
अधिकतम तापमान- 29.9 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम तापमान- 14.9 डिग्री सेल्सियस
औसत वर्षा- 2.2 मिलीमीटर
151 पर पहुंचा वायु शुद्धता सूचकांक
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय का कहना है कि प्रदूषण बढऩे के कारण लोगों को इस समय वायुमंडलीय परिवर्तन देखने को मिल रहा है। वातावरण में नमी है। सुबह नमी रह रही है। उन्होंने उद्योगों के चालू होने व वाहनों के अधिकाधिक प्रयोग होने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है।
छह दिनों के वायु शुद्धता सूचकांक का स्तर
शनिवार शाम पांच बजे- 153 माइक्रो ग्राम घन मीटर
रविवार शाम पांच बजे- 190 माइक्रो ग्राम घन मीटर
सोमवार शाम पांच बजे - 155 माइक्रो ग्राम घन मीटर
मंगलवार शाम पांच बजे- 147 माइक्रो ग्राम घन मीटर
बुधवार शाम पांच बजे - 152 माइक्रो ग्राम घन मीटर
गुरुवार शाम पांच बजे - 151 माइक्रो ग्राम घन मीटर
यह स्थिति में बुजुर्ग, बच्चे, हृदय रोगी को सांस लेने में थोड़ी तकलीफ होगी। फेफड़ों के लिए यह हवा शुद्ध नहीं है।
लगातार बढ़ रहा वायु शुद्धता सूचकांक
मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक वाहनों के अधिकाधिक प्रयोग के कारण लगातार वायु शुद्धता का सूचकांक बढ़ रहा है। 100 माइक्रो घन मीटर नीचे की हवा फेफड़ों के लिए शुद्ध मानी जाती है। पर्व के चलते बाजार में लोगों की आवाजाही बढ़ी है। ऐसे में लोगों को अधिक से अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।