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कहानी सुनाने में भी हुनर दिखाएंगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षक Gorakhpur News

जनपद स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को अपनी कहानी की तीन से पांच मिनट का आडियो तय प्रारूप पर भरकर डायट में प्रस्तुत करना होगा। डायट द्वारा प्राप्त कहानियों के आडियो की स्क्रीनिंग विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम से कराई जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:48 PM (IST)
कहानी सुनाने में भी हुनर दिखाएंगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षक Gorakhpur News
प्राइमरी स्‍कल के बच्‍चों की फाइल फोटो।

 गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को कहानी सुनाने के लिए शिक्षकों में रुचि उत्पन्न करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। प्रतियोगिता में परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक कहानी सुनाने का हुनर दिखाएंगे। शिक्षकों को प्रतियोगिता के दौरान कहानी सुनाने के लिए तीन से पांच मिनट का समय मिलेगा।

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जनपद स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को अपनी कहानी की तीन से पांच मिनट का आडियो तय प्रारूप पर भरकर डायट में प्रस्तुत करना होगा। डायट द्वारा प्राप्त कहानियों के आडियो की स्क्रीनिंग विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम से कराई जाएगी। इसी आधार पर शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए करेगा। कहानी के आडियो संस्था के यू-ट्यूब पर भी अपलोड किए जाएंगे।

प्रेरक घटनाओं पर आधारित होगी कहानी

स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस वर्ष एससीईआरटी ने कहानी प्रतियोगिता वर्ष 1857 से 1947 तक के कालखंड की प्रेरक घटनाओं पर आधारित रखने का फैसला किया है। जिससे आनेवाली पीढ़ी इन कक्षाओं से परिचित हो सकें। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को प्रेरक घटनाओं को कहानी के माध्यम से इस प्रकार प्रस्तुत करना होगा कि बच्चों को प्रेरक घटनाओं की जानकारी के साथ-साथ उनके पराक्रम, शौर्य, त्याग, संवेदनशीलता, देशप्रेम की भावना का विकास हो सके।

दो चरणों में होगी प्रतियोगिता

प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में जनपद स्तर पर तथा द्वितीय चरण में राज्य स्तर पर प्रतियोगिता होगी। राज्य स्तर पर चयनित शिक्षक पुरस्कृत किए जाएंगे। इस संबंध में डायट प्राचार्य डा. भूपेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि प्रतियोगिता में शिक्षकों को प्रतिभाग किए जाने को लेकर बीएसए को पत्र भेज दिया गया है। साथ ही इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया है, ताकि अधिक से अधिक शिक्षक प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकें।


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