Move to Jagran APP

अंग्रेजी बोलने के लिए आनलाइन कोर्स करेंगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षक Gorakhpur News

आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान उप्र प्रयागराज द्वारा तैयार किया गया यह कोर्स अन्य शिक्षकों के साथ-साथ व डायट के प्रवक्ता भी कर सकते हैं। इससे न सिर्फ शिक्षक अंग्रेजी बोलना सीखेंगे बल्कि बच्चों को पढ़ाने भी दक्ष होंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 11:20 AM (IST)
अंग्रेजी बोलने के लिए आनलाइन कोर्स करेंगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षक Gorakhpur News
परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अंग्रेजी का ऑनलाइन क्‍लास करेंगे। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षक अंग्रेजी बोलने के लिए अब आनलाइन कोर्स करेंगे। आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान उप्र प्रयागराज द्वारा आयोजित हाेने वाले इस स्पोकेन इंग्लिश कोर्स का उद्देश्य शिक्षकों में अंग्रेजी भाषा बोलने की दक्षता विकसित करना है। यह कोर्स अंग्रेजी माध्यम के समस्त शिक्षकों के लिए अनिवार्य है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद का आदेश बीएसए व डायट कार्यालय में पहुंच गया है।

loksabha election banner

शिक्षकों में अंग्रेजी भाषा बोलने की दक्षता विकसित करना उद्देश्य

आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान उप्र प्रयागराज द्वारा तैयार किया गया यह कोर्स अन्य शिक्षकों के साथ-साथ व डायट के प्रवक्ता भी कर सकते हैं। इससे न सिर्फ शिक्षक अंग्रेजी बोलना सीखेंगे बल्कि बच्चों को पढ़ाने भी दक्ष होंगे। इस कोर्स के जरिये शिक्षक बच्चों को अंग्रेजी शब्दों के उच्चारण, लिखना और बोलना कैसे सिखाएंगे इस बारे में प्रशिक्षित हो सकेंगे।

दीक्षा पोर्टल पर अपलोड हो चुका है कोर्स

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने बीएसए को दिए निर्देश में बताया है कि स्पोकेन इंग्लिश कोर्स दीक्षा पार्टल पर अपलोड किया जा चुका है। पूरा कोर्स एक माह में शिक्षकों को पूर्ण करना है, जिससे वह बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने व उन्हें स्वयं बोलने को लेकर आ रही परेशानी को दूर कर सकें।

अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों को यह कोर्स कराए जाने को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक का निर्देश प्राप्त हो चुका है। शिक्षकों को यह कोर्स को कराए जाने का उद्देश्य बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें इस विषय में और अधिक समृद्ध बनाना है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी अपने को निजी स्कूलों के बच्चों से कम न समझें। उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़े। इसलिए पहले शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। ताकि वह उसी के अनुसार बच्चों का भी पढ़ा सकें। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.