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रिश्तेदार के फर्जी प्रमाण पत्र पर बन गया शिक्षक, बर्खास्त Gorakhpur News

गोरखपुर में एक व्‍यक्ति अपने रिश्तेदार के फर्जी प्रमाण पत्र पर शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। मामला सामने आने पर उसे बर्खास्‍त कर दिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 04:05 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 08:01 PM (IST)
रिश्तेदार के फर्जी प्रमाण पत्र पर बन गया शिक्षक, बर्खास्त Gorakhpur News
रिश्तेदार के फर्जी प्रमाण पत्र पर बन गया शिक्षक, बर्खास्त Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर मेें फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर लगातार हो रही कार्रवाई से ऐसे शिक्षकों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। शुक्रवार को सत्यापन में तीन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बीएसए ने तीनों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। इनमें से एक ने जहां अपने रिश्तेदार लेखापाल के जरिये फर्जी आइडी व निवास प्रमाण पत्र तैयार कर नौकरी हासिल की थी वहीं दूसरे के सभी प्रमाण पत्र फर्जी मिले। जबकि तीसरे शिक्षक ने नाम बदलकर दूसरे के दस्तावेज का उपयोग कर नौकरी हथिया ली थी। इधर विभाग को नाम बदलकर विभिन्न ब्लाकों में नौकरी करने वाले चार से पांच और शिक्षकों के बारे में जानकारी मिली है, जिसकी तस्दीक की जा रही है।

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दो अन्य शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई

बर्खास्त शिक्षक सुनील यादव पुत्र परशुराम राय की प्राथमिक स्कूल बेलघाट में सहायक शिक्षक के रूप में आठ अगस्त 2014 में नियुक्ति हुई थी। सामान्य निवास प्रमाण पत्र में सुनील यादव पुत्र परशुराम यादव दर्शाया गया है और पता खजनी का दिया गया है। सुनील के विरुद्ध मुकेश यादव ने गलत नाम पता के आधार पर नौकरी पाए जाने की शिकायत की गई थी। शिकायती पत्र में भी यह भी लिखा था कि सुनील बिहार के रहने वाले हैं और इनके रिश्तेदार गोरखपुर में लेखपाल हैं और लेखपाल ने ही सुनील का फर्जी कागज तैयार कराया था। शिकायत के आधार पर जांच की गई तो मामला सही पाया गया। जिसके आधार पर बीएसए ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया।

इसी प्रकार विकास खंड ब्रह्मपुर के प्राथमिक विद्यालय इटौवा में तैनात सहायक शिक्षक मदन चंद्र पुत्र घरभरन राम को भी बर्खास्त किया गया है। छह फरवरी 2010 में नियुक्त मदन चंद्र के प्रमाण पत्रों की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा जब जांच कराई गई तो सभी फर्जी निकले। दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते मिलने पर बीएसए ने शिक्षक मदन को बर्खास्त करते हुए आरोपित शिक्षक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस तीसरे शिक्षक के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई हैं वह बीस साल से नौकरी कर रहा था।

डीएम से हुुुुई थी शिकायत 

गिरिजेश पति त्रिपाठी पुत्र शिवपूजन की तैनाती जनपद के बेलघाट ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बनकट में सहायक अध्यापक के रूप में आठ मई 2000 को हुई थी। इनके खिलाफ खजनी के राम सागर त्रिपाठी ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी, जिसके बाद शिक्षक के प्रमाण पत्रों की जांच हुई। जांच में खुलासा हुआ कि शिक्षक ने अपना वास्तविक नाम छिपाते हुए दूसरे गिरिजेश पति त्रिपाठी ग्राम पारासीर, पो.उमरिया पांडेय, जनपद संतकबीरनगर के समस्त पत्र लगाकर नौकरी हथिया ली थी। आरोप सिद्ध होने पर बीएसए ने शिक्षक को बर्खास्त कर करते हुए खंड शिक्षाधिकारी को शिक्षक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर मानव संपदा पोर्टल से शिक्षक का ब्योरा तत्काल डिलिट कर दें।

जिले में 58 पहुंचे बर्खास्त शिक्षकों की संख्या

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र पर बर्खास्त किए गए शिक्षकों की संख्या इन शिक्षकों के बाद अब 58 पहुंच गई है। जबकि अभी भी निलंबित 29 शिक्षकों के विरुद्ध जांच की कार्रवाई चल रही है। जबकि अभी भी विभाग के रडार पर दो दर्जन से अधिक शिक्षक हैं।

बीएसए ने कहा

गोरखपुर के बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि खंड शिक्षाधिकारी की जांच में आरोप पुष्ट होने पर तीन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। 


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