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Coronavirus: संक्रमित मरीजों के सीने में मिलने लगी टीबी, निगेटिव हुए मरीजों की हो रही बलगम जांच

कोरोना वायरस और टीबी का बैक्टीरिया फेफड़े पर हमला करता है। साथ ही दोनों संक्रामक बीमारियां हैं और जल्द से जल्द इलाज न शुरू होने पर तेजी से फैलती हैं। दोनों बीमारियों में सबसे बड़ी समानता खांसी है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 07:30 AM (IST)
Coronavirus: संक्रमित मरीजों के सीने में मिलने लगी टीबी, निगेटिव हुए मरीजों की हो रही बलगम जांच
फेफड़े में टीबी रोग होने का प्रतीकात्‍मक फोटो फाइल।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के लाक्षणिक (सिम्टोमैटिक) मरीजों के सीने में चोर मिलने लगा है। यह चोर कोई और नहीं ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) है। 214 की जांच में आठ में टीबी की पुष्टि हो चुकी है। यह संख्या और बढऩी तय है।

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टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कोरोना के लाक्षणिक मरीज रह चुके लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जांच शुरू की गई है। निगेटिव हो चुके लोगों को फोन कर जिला अस्पताल के बगल में स्थित क्षय रोग अस्पताल बुलाया जा रहा है। यहां सभी को फाल्कन ट्यूब (बलगम इकट्ठा करने के लिए प्लास्टिक का ट्यूब) दिया जा रहा है। अगले दिन सुबह का पहला बलगम लेकर आने को कहा जा रहा है।

सीबी नाट मशीन से हो रही जांच

क्षय रोग अस्पताल में सीबी नाट मशीन से बलगम की जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट दो घंटे में मिल जा रही है। जांच में यह भी पता किया जा रहा है कि टीबी किस स्तर का है। हालांकि कोरोना पॉजिटिव होकर निगेटिव होने के बाद जिन आठ लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है वह सामान्य श्रेणी की है।

सर्दी-जुकाम वाले एक मरीज में पुष्टि

केंद्र सरकार के निर्देश पर सर्दी-जुकाम से परेशान लोगों की भी टीबी जांच शुरू की गई है। इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आइएलआइ) के नाम से अब तक 128 लोगों की जांच की जा चुकी है। इनमें से एक में टीबी की पुष्टि हुई है।

कोरोना और टीबी में फेफड़े पर हमला

कोरोना वायरस और टीबी का बैक्टीरिया फेफड़े पर हमला करता है। साथ ही दोनों संक्रामक बीमारियां हैं और जल्द से जल्द इलाज न शुरू होने पर तेजी से फैलती हैं। दोनों बीमारियों में सबसे बड़ी समानता खांसी है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना के जिन मरीजों में टीबी की पुष्टि हो रही है उन्हें भविष्य में बहुत सतर्कता की जरूरत है। वजह यह कि टीबी की वजह से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो जाती है। इसलिए टीबी के मरीजों में कोरोना का खतरा ज्यादा है।

यह हैं टीबी के लक्षण

टीबी के लक्षण को ध्‍यान में रखें और सावधान रहें। यदि दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही हो, दो हफ्ते से बुखार हो रहा हो, शरीर का वजन तेजी से कम हो रहा हो, रात में सोते समय पसीना आ रहा हो तो यह मान लें कि यह टीबी का लक्षण है। अगर यह लक्षण हो रहा है तो तत्‍काल डाक्‍टर से संपर्क करें।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र के अनुसार कोरोना के लाक्षणिक मरीज रह चुके लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सीबी नॉट मशीन से मुफ्त में टीबी की जांच कराई जा रही है। अब तक 214 लोगों की जांच में आठ में टीबी की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे सभी लोगों की जांच का लक्ष्य है।


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