नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर ने हड़त लिए 15 लाख, डीएम ने कहा-जेल भेजो
गोरखपुर नगर निगम के टैक्स इंसपेक्टर ने उपभोक्ताओं से 15 लाख रुपये वसूला और अपने पास रख लिया। उसने पैसा जमा ही नहीं किया।
By Edited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 10:41 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर ने जनता से वसूले गए 15 लाख रुपये हड़प लिए हैं। यह रकम गृहकर व जलकर के मद में वसूली गई थी, जिसे निगम के खजाने में जमा करना था। प्रभारी नगर आयुक्त के. विजयेंद्र पाण्डियन के निर्देश पर टैक्स इंस्पेक्टर को कैंट थाने में बैठाया गया था। प्रभारी नगर आयुक्त ने पैसे जमा करने के लिए इंस्पेक्टर को दो दिन का समय देते हुए कहा कि अगर पैसा जमा नहीं हुआ तो जेल भेज दूंगा।
निगम के टैक्स इंस्पेक्टर जावेद अहमद पर फार्म दो (रसीद बुक) और वसूल की गई धनराशि निगम के खजाने में जमा न करने का आरोप है। कार्यकारिणी की बैठक यह मुद्दा उठने के बाद को प्रभारी नगर आयुक्त के. विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर कैंट पुलिस ने जावेद से पूछताछ की थी। जावेद ने बताया कि कुछ माह पहले मां का इलाज कराने पीजीआई गए थे। वसूली प्रभावित न हो इसलिए टैक्स विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राधे को रसीद पर हस्ताक्षर कर वसूली करने को दिया था। अब राधे न तो रसीद दे रहा है और न ही वसूल की गई धनराशि।
पुलिस ने राधे को पकड़कर प्रभारी नगर आयुक्त के सामने हाजिर किया। राधे के घर 14 रसीद बुक मिली है। रसीद बुक में तकरीबन 15 लाख रुपये की काउंटिंग हुई है। राधे ने बताया कि टैक्स के मद में मिली धनराशि इंस्पेक्टर को दे चुका हूं। इस पर प्रभारी नगर आयुक्त ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जावेद से कहा कि से दो दिनों के भीतर निगम के खजाने में पूरा पैसा जमा करो नहीं तो जेल भेज दूंगा। के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि सभी टैक्स इंस्पेक्टरों को रसीद बुक का आडिट कराकर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है। ताकि इस तरह की मामला दोबारा सामने न आए।
निगम के टैक्स इंस्पेक्टर जावेद अहमद पर फार्म दो (रसीद बुक) और वसूल की गई धनराशि निगम के खजाने में जमा न करने का आरोप है। कार्यकारिणी की बैठक यह मुद्दा उठने के बाद को प्रभारी नगर आयुक्त के. विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर कैंट पुलिस ने जावेद से पूछताछ की थी। जावेद ने बताया कि कुछ माह पहले मां का इलाज कराने पीजीआई गए थे। वसूली प्रभावित न हो इसलिए टैक्स विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राधे को रसीद पर हस्ताक्षर कर वसूली करने को दिया था। अब राधे न तो रसीद दे रहा है और न ही वसूल की गई धनराशि।
पुलिस ने राधे को पकड़कर प्रभारी नगर आयुक्त के सामने हाजिर किया। राधे के घर 14 रसीद बुक मिली है। रसीद बुक में तकरीबन 15 लाख रुपये की काउंटिंग हुई है। राधे ने बताया कि टैक्स के मद में मिली धनराशि इंस्पेक्टर को दे चुका हूं। इस पर प्रभारी नगर आयुक्त ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए जावेद से कहा कि से दो दिनों के भीतर निगम के खजाने में पूरा पैसा जमा करो नहीं तो जेल भेज दूंगा। के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि सभी टैक्स इंस्पेक्टरों को रसीद बुक का आडिट कराकर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है। ताकि इस तरह की मामला दोबारा सामने न आए।
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