Coronavirus: संक्रमण से बचने के लिए सिर्फ सात बातों का रखें ध्यान Gorakhpur News
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कोविड के प्रसार की रोकथाम में अस्पतालों की अहम भूमिका है। ऐसी जगह पर मरीजों का ही आना होता है लिहाजा इसके लिए अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सात प्रकार के व्यवहार का शत-प्रतिशत अनुपालन करते हुए ही सरकारी और निजी अस्पतालों का संचालन किया जाना है। इस संबंध में महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिलों के सक्षम अधिकारियों को पत्र भेज कर दिशा-निर्देश दिया है।
महानिदेशक ने सभी को जारी किया पत्र
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कोविड के प्रसार की रोकथाम में अस्पतालों की अहम भूमिका है। ऐसी जगह पर मरीजों का ही आना होता है, लिहाजा अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है। महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने पत्र के जरिये सभी एडी हेल्थ, मंडलीय और जिला स्तरीय चिकित्सा अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों के संबंध में सात बिंदुओं की तरफ ध्यान दिलाते हुए दिशा-निर्देशित किया है। पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार की अनलॉक गाइडलाइन-4 को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों की समस्त आकस्मिक सेवाएं, ओपीडी, डायग्नोस्टिक और अन्य संबंधित सेवाओं को जनहित में निर्बाध तरीके से संचालित किया जाए। इन सेवाओं के दौरान दिशा-निर्देशों के अनुसार सावधानी रखी जानी है।
इन कोविड व्यवहारों का करना होगा पालन
सभी रोगी, उनके अभिभावक और चिकित्साकर्मी हर समय मॉस्क का प्रयोग करेंगे। दो गज की शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। सैनिटाइजर का प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा। अस्पताल की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अस्पताल को दिन में दो बार सैनिटाइज किया जाएगा। रोगियों के साथ आ रहे अभिभावकों की संख्या सीमित रखी जाएगी। चिकित्सालयों में ऐसे स्थान भी बनाए जाएंगे जहां कोरोना के संभावित मरीज को अलग किया जा सके और उनकी कोरोना जांच के बाद आवश्यक उपचार भी प्रदान किया जाए।
डाक्टर करेंगे होगी निगरानी
सरकारी अस्पतालों में कोविड व्यवहार की निगरानी संबंधित क्षेत्रीय अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वहां के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी करेंगे। जिले के सभी निजी अस्पतालों की भी निगरानी की जाएगी जिसकी जिम्मेदारी एसीएमओ डॉ. नीरज कुमार पांडेय और निगरानी टीम को सौंपी गई है। शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही चिकित्सकीय सेवाएं दी जाएंगी।