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गन्‍ने की मिठास कम कर रहा 'फूल', किसानों को होगा भारी नुकसान

इससे गन्ने का विकास रुकेगा। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच ने इसे लेकर महराष्ट्र के प्रमुख शर्करा एवं गन्ना अनुसंधान संस्थान पूर्ण तामिलनाडु के कोयंबटूर स्थित गन्ना संस्थान सहित कई स्थानों के गन्ना विशेषज्ञों से संपर्क साध चुका है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 02:25 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:57 PM (IST)
गन्‍ने की मिठास कम कर रहा 'फूल', किसानों को होगा भारी नुकसान
पूर्वांचल में फूल से कम हाे रही गन्ने की मिठास, किसानों को होगा भारी नुकसान। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर-बस्ती मंडल के गन्ना किसानों के समक्ष एक बड़ी समस्या आ रही है। दोनों मंडल के पांच जिलों के गन्ने में फूल आने लगा है। इससे गन्ने की मिठास तो कम होगी ही उत्पादन घटने के साथ चीनी का परता भी कम आएगा। विशेषज्ञों ने इसकी प्रमुख वजह पिछले वर्ष अधिक बारिश होना बता रहे हैं। इसके साथ ही साथ वातावरण में अधिक नमी होने के कारण गन्ने में फूल आ रहे हैं।

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गोरखपुर-बस्‍ती में दिख रहा प्रकोप

गोरखपुर, कुशीनगर, बस्ती, देवरिया, महराजगंज जिले में गन्ने की फसल में फूल देखने को मिल रहे हैं। इससे गन्ने का विकास रुकेगा। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच ने इसे लेकर महराष्ट्र के प्रमुख शर्करा एवं गन्ना अनुसंधान संस्थान पूर्ण, तामिलनाडु के कोयंबटूर स्थित गन्ना संस्थान सहित कई स्थानों के गन्ना विशेषज्ञों से संपर्क साध चुका है। पता चला कि बेमौसम अधिक वर्षा होने, वातावरण में अधिक आर्द्रता होने, मिट्टी में नमी होने के कारण गन्ने में समय से पहले फूल आ जाते हैं।

घटेगा चीनी का परता

इसके चलते जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, गन्ने की वृद्धि प्रभावित होगी। गन्ना खोखरू हो जाएगा। इससे उत्पादन घटेगा ही उसका वजन भी कम होगा। इससे चीनी का परता भी घटेगा। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता का कहना है कि करीब एक वर्ष से गन्ना किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले वर्ष भारी बारिश के चलते गन्ने में बड़े पैमाने पर रेडराट रोग लगा।

प्रभावित होगा गन्‍ने का विकास

इस बार फूल आ रहे हैं। इसके चलते जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा गन्ने का विकास भी प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि गन्ने में फूल आने से 45 दिनों के भीतर यदि उसकी आपूर्ति चीनी मिल में कर दी जाएगी तो किसान बड़े नुकसान से बच सकते हैं। तापक्रम बढ़ने पर फूल लगे गन्ने में अंकुरण होने लगता है। इससे रेशा प्रतिशत बढ़ता है। गन्ने की मिठास व परता घटता है।


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