Move to Jagran APP

गुणवत्ताविहीन निर्माण: अधूरे शौचालय खोल रहे स्वच्छता अभियान की पोल

गांवों में हजारों की संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है। एक शौचालय पर बारह हजार रुपये खर्च हुआ है। इतने शौचालय बनने के बावजूद गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:49 PM (IST)
गुणवत्ताविहीन निर्माण: अधूरे शौचालय खोल रहे स्वच्छता अभियान की पोल
गुणवत्ताविहीन निर्माण: अधूरे शौचालय खोल रहे स्वच्छता अभियान की पोल

देवरिया : स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए व्यापक अभियान चलाया गया तथा गांवों में घर-घर सरकारी पैसे से शौचालय बनाए गए, लेकिन गैर जरूरतमंदों को शौचालय दिये जाने तथा गुणवत्ताविहीन निर्माण होने के कारण अधिकतर शौचालय निष्प्रयोज्य हैं। ऐसे में गांवों को शौच मुक्त करने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है।

loksabha election banner

गांवों में हजारों की संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है। एक शौचालय पर बारह हजार रुपये खर्च हुआ है। इतने शौचालय बनने के बावजूद गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सके हैं। गांवों में बने गुणवत्ताविहीन अधिकतर शौचालयों का लोग उपयोग नहीं कर रहे हैं। सलेमपुर विकास खंड क्षेत्र के पड़री पांडेय, घुसरी मिश्र, दुबौली, कोला, महुई पांडेय, कोल्हुआ, पड़री झिल्लीपार, मझौवा, कम्हरिया, बैदौली, जमुई, मुजूरी खुर्द, मुजूरी बुजुर्ग गांव में कई शौचालयों के छत व दरवाजा तक नहीं है, कई शौचालय के गड्ढे ढंके तक नहीं हैं। तमाम शौचालयों का निर्माण कार्य अधूरा है। कहीं-शौचालय खंडहर हो गए हैं तो कहीं शौचालयों में लोगों ने लकड़ी, कंडा व भूसा भर रखा है।

शौचालयों के निर्माण की सही मानीटरिग न होने से व्यापक स्तर पर धांधली हुई है। एक-एक घर में ही कईयों के नाम से शौचालय आवंटित कर दिया गया है। कई गांवों में पंचायत प्रतिनिधियों ने लाभार्थियों से ढाई से पांच - पांच हजार रूपये लेकर मात्र सात से आठ हजार रूपये में ही शौचालयों का निर्माण करा दिया है, जिससे शौचालय, निर्माण के वर्ष भीतर ही निष्प्रयोज्य हो गये हैं। जिम्मेदार अधिकारी भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने की शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है।

खंड विकास अधिकारी सलेमपुर ओमप्रकाश प्रजापति ने बताया कि

शौचालयों के उपयोग के लिए सरकार ने विशेष जागरूकता अभियान चलाया, उससे काफी हद तक सुधार आया है। कुछ जगहों से शिकायतें आ रहीं हैं। मानकविहीन निर्मित शौचालयों की जांच कर कार्रवाई होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.