बीआरडी मेडिकल कालेज में सर्जरी के मरीजों को करना पड़ रहा लंबा इंतजार, जानिए-क्या है कारण Gorakhpur News
प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी है। सात जनवरी को इंटरव्यू है। उम्मीद है कि इंटरव्यू में एनेस्थीसिया के डॉक्टर भी आएंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सर्जरी व्यवस्था का बुरा हाल है, चाहे वह सर्जरी का मामला हो या आर्थो सर्जरी का। बेहोशी के डॉक्टरों (एनेस्थेटिस्ट) की कमी का दंश मरीज झेल रहे हैं। यहां तक कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ब्रेस्ट कैंसर, सर्जरी व आर्थो सर्जरी के मरीजों को दो-ढाई माह तक समय दिया जा रहा है। इसका फायदा दलाल उठा रहे हैं और मरीजों को गुमराह व भयभीत करके निजी चिकित्सालयों में ले जा रहे हैं, जहां उनका आर्थिक व मानसिक शोषण हो रहा है।
60 की जगह पांच डाक्टर हैं बेहोशी के
पूरा आइसीयू बेहोशी के डॉक्टरों की देखरेख में ही होता है। आइसीयू व इमरजेंसी में 24 घंटे बेहोशी के डॉक्टरों की जरूरत होती है। इसके अलावा सर्जरी की तीन ओटी, आर्थो सर्जरी की तीन ओटी, ईएनटी की दो ओटी, गायनिक की तीन ओटी, आंख की दो और न्यूरो सर्जरी एक ओटी है। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अलग है। एक ओटी में 24 घंटे के लिए कम से कम चार एनेस्थेटिक्स होने चाहिए। कुल मिलाकर लगभग 60-62 एनेस्थेटिस्ट की जरूरत मेडिकल कॉलेज को है। जबकि इस समय एनेस्थीसिया विभाग में मात्र पांच डॉक्टर हैं और आठ सीनियर रेजीडेंट, जिनके भरोसे पूरे मेडिकल कॉलेज की ऑपरेशन व्यवस्था चल रही है।
टाले जा रहे आपरेशन
जहां सप्ताह में पांच दिन होने चाहिए, वहां तीन-चार दिन ही बमुश्किल हो पा रहे हैं। बेहोशी के डॉक्टरों की कमी के चलते ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। किसी तरह काम चलाया जा रहा है।
दलालों की चांदी
जब ब्रेस्ट कैंसर या अन्य गंभीर मामलों में मरीजों को दो-ढाई माह का समय दिया जा रहा है तो वे परेशान हो जा रहे हैं। ऐसे में वहां आसपास घूम रहे दलाल सक्रिय हो गए हैं, वे मरीजों को भयभीत कर रहे हैं कि इतने समय में तो कैंसर और भयानक हो जाएगा। जो ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज में निश्शुल्क होता, उसके लिए मरीज बाहर जाकर 15 से 35 हजार रुपये खर्च कर रहे हैं।
डाक्टरों के लिए निकला है विज्ञापन
इस संबंध में बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी है। विज्ञापन निकाला गया है। सात जनवरी को इंटरव्यू है। उम्मीद है कि इंटरव्यू में एनेस्थीसिया के डॉक्टर भी आएंगे। उनकी नियुक्ति के बाद समस्या खत्म हो जाएगी।