Gorakhpur Weather Updates: धूप ने सुहाना किया मौसम, दो दिन बाद होगा पश्चिमी विक्षोभ का असर
गोरखपुर में गुरुवार को चटख धूप के चलते लोगों को अप्रैल जैसी गर्मी का आभास हुआ। लोगों को ठंड से काफी राहत मिली। बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। बुधवार को ठंड पर सूर्य देव का दबदबा देखने को मिला। चटख धूप के चलते लोगों को अप्रैल जैसी गर्मी आभास हुआ। इसका परिणाम रहा कि बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। अधिकतम आर्द्रता 93 प्रतिशत व न्यूनतम 73 फीसद रही है। हवाएं दक्षिण पश्चिम की तरफ से चलीं हैं। इनकी अधिकतम गति 11 किलोमीटर प्रति घंटे रही है। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय ने पूर्वानुमान जताया है कि गुरुवार को भी दिन में धूप निकलेगी। सुबह के समय कुछ घंटे कोहरा छाया रहेगा। दिन का अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
देखिए पिछले तीन दिनों में कैसे बढ़ा है अधिकत तापमान
सोमवार- 20.4
मंगलवार- 22.6
बुधवार-26.8
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
जानिए आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम
गुरुवार सुबह हल्का कोहरा छाया रहेगा। दिन में चटख धूप होगी। शुक्रवार सुबह घने कोहरे की स्थिति रहेगी। दो दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण दिन व रात दोनों तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।
जानिए क्यों बढ़ रही गर्मी
सूर्य से रोजाना 342 वाट प्रति वर्ग मीटर किरणें धरती पर आती हैं। इसमें से 195 वाट प्रति वर्ग मीटर किरणों की वापसी होनी चाहिए। तभी वायु मंडल बेहतर तरीके से कार्य करता है। लेकिन वाहनों व उद्योगों के अधिकाधिक प्रयोग की देन है कि वायु में धुएं का स्तर इतना बढ़ गया है कि 195 वाट प्रति वर्ग मीटर सूर्य किरणों की वापसी नहीं हो पा रही है। इसके चलते लोग गर्मी महसूस कर रहे हैं।
दोहपर तक होने लगा गर्मी का एहसास
दोपहर 12 बजते-बजते यह स्थिति हो गईं कि लोग अप्रैल जैसी गर्मी का आभास करने लगे। कोई सिर्फ फुल शर्ट में दिखा तो किसी ने यहतियात के तौर पर कपड़ों के साथ हाफ जैकेट डाल रखी थी। हालांकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के करीब रिकार्ड किया गया, लेकिन लोगों को कहीं से भी ठंड का आभास नहीं हो सका। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि यह वायु मंडलीय परिवर्तन का नतीजा है। इसके चलते लगातार तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 भी अपने औसत से अधिक गर्म रहा है। गंगा किनारे का मैदानी क्षेत्र विशेष रूप से अपेक्षाकृत गर्म रहा है।