गोरखपुर विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में बढ़ी रौनक, पढ़ाई के लिए पहुंचने लगे छात्र Gorakhpur News
यूजीसी की गाइड लाइन के मुताबिक प्रदेश सरकार ने 23 नवंबर से विवि और महाविद्यालयों में कक्षाएं शुरू करने के लिए अनुमति दी। हालांकि विवि प्रशासन ने अपने शैक्षणिक कैलेंडर का हवाला देकर 17 नवंबर से ही कक्षाएं शुरू कर दी थीं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के चलते लंबे समय तक सूने पड़े दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों के परिसर में खासी रौनक रही। वजह नियमित कक्षाओं का चलना है। वैसे तो विवि में कक्षाओं का संचालन 17 नवंबर से ही शुरू हो गया था, लेकिन शासन की मंशा के अनुरूप मंगलवार को इसे लेकर विशेष सतर्कता दिखी। सभी कक्षाओं में फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया।
23 नंवबर से ही कक्षाओं को संचालित करने के लिए मिली है अनुमति
यूजीसी की गाइड लाइन के मुताबिक प्रदेश सरकार ने 23 नवंबर से विवि और महाविद्यालयों में कक्षाएं शुरू करने के लिए अनुमति दी। हालांकि विवि प्रशासन ने अपने शैक्षणिक कैलेंडर का हवाला देकर 17 नवंबर से ही कक्षाएं शुरू कर दी थीं। 18 से परास्नातक में अंग्रेजी, समाजशास्त्र, संस्कृत, वनस्पति विज्ञान, रक्षा अध्ययन सहित कई विषयों की कक्षाएं चलने शुरू हो गईं। अन्य विभागों में भी समय सारिणी बना ली गई है। उधर, दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महात्मा गांधी पीजी कालेज, गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय सहित कई महाविद्यालयों में सोमवार को कक्षाएं चलीं।
एनएसयूआइ ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के पात्र अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति न दिए जाने के विरोध में एनएसयूआइ की ओर से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष अंशुमान पाठक ने कहा कि छात्रवृत्ति को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। पिछले सत्र के बहुत से विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति भी अभी तक नहीं आई है। ऐसे में अब संघर्ष करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। महानगर अध्यक्ष आदित्य शुक्ला, योगेश प्रताप, सुबोध पांडेय, गोविंद गुप्ता, सुशांत शर्मा, अभिषेक वर्मा, विष्णु सिंह, श्याम मिश्रा, शुभम त्रिपाठी, इकबाल अहमद, विनय, पुनीत त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। प्रायोगिक व मौखिक परीक्षा के लिए आवेदन 28 तक
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष की प्रायोगिक और मौखिक परीक्षा न दे पाने वाले छात्रों को परीक्षा विभाग ने अवसर दिया है। यह छात्र 28 नवंबर तक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा सामान्य में आवेदन पत्र जमा करने के लिए उन्हें एक दिसंबर तक का समय दिया गया है।