गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र 17 एकड़ खेत में पढ़ेंगे कृषि का विज्ञान, जानें-कहां की गई है तैयारी Gorakhpur News
पढ़ाई के लिए जरूरी खेती योग्य भूमि की तलाश भी पूरी कर ली गई है। इसके लिए प्राथमिक तौर दीक्षा भवन और कला संकाय भवन के पीछे की 17 एकड़ जमीन को कृषि के योग्य बनाने का फैसला किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीएससी(एजी) और एमएससी(एजी) की पढ़ाई नए सत्र से शुरू हो जाएगी। इसके लिए इंस्टीट््यूट आफ एग्रीकल्चर एंड नेचुरल साइंसेज को संचालित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित कर लिए गए हैं।
जरूरत पर हास्टल परिसर की भूमि का भी होगा इस्तेमाल
पढ़ाई के लिए जरूरी खेती योग्य भूमि की तलाश भी पूरी कर ली गई है। इसके लिए प्राथमिक तौर दीक्षा भवन और कला संकाय भवन के पीछे की 17 एकड़ जमीन को कृषि के योग्य बनाने का फैसला किया गया है। जरूरत पडऩे पर हास्टल परिसर में मौजूद जमीन का इस्तेमाल भी किया जाएगा। इंस्टीट्यूट के आफिस, लैब और कक्षाओं के संचालन का कार्य नया भवन बनने तक दीक्षा भवन में सम्पन्न किया जाएगा। इंस्टीट्यूट के संचालन की जिम्मेदारी बतौर कोआर्डिनेट प्रो. अजय सिंह को सौंपी गई है।
चार सह कोआर्डिनेटर नियुक्त
उनके सहयोग के लिए चार सह-कोआर्डिनेटर बनाए गए हैं। इनमें रसायनशास्त्र विभाग के डा. निखिलकांत शुक्ल, जंतु विज्ञान विभाग के डा. राम प्रताप यादव, वनस्पति विज्ञान विभाग की डा. सुनीता और समाजशास्त्र विभाग के दीपेंद्र मोहन सिंह शामिल हैं। कोआडिनेटर प्रो. अजय ने बताया कि नए सत्र में बीएससी(एजी) और एमएससी(एजी) में प्रवेश के लिए नोटिफिकेशन 15 मई तक जारी कर दिया जाएगा। प्रवेश परीक्षा का आयोजन जून के अंत में या जुलाई के पहले सप्ताह में किया जाएगा। सीटों का निर्धारण इंडियन काउंसिल और एग्रीकल्चर रिसर्च (आइसीएआर) के गाइड लाइन के मुताबिक होगा। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट के सकुशल संचालन के लिए 18 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद विज्ञापित किए गए हैं। सभी असिस्टेंट प्रोफेसर के वेतन का निर्धारण सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन किया जाएगा।
एमएससी(एजी) में ये होंगे छह विषय
एमएससी(एजी) करने के इ'छुक अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा छह विषय का विकल्प मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिन छह विषयों में इस पाठ्यक्रम के संचालन का निर्णय लिया है, उनमें एग्रोनामी, एग्रीकल्चर इंटोमालिजी एंड जूलोजी, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, एग्रीकल्चर इकोनामिक्स, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रिङ्क्षडग व हार्टिकल्चर शामिल हैं।
इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग के सह-कोआर्डिनेटर हुए नामित
विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए स्थापित होने वाले इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के संचालन के लिए तीन सह-कोआर्डिनेटर नामित कर दिए हैं। भौतिक विज्ञान के डा. कृपा मणि मिश्र, रसायनशास्त्र विभाग के डा. सचिन कुमार सिंह और गणित व सांख्यिकी विभाग की डा. जूली श्रीवास्तव को यह जिम्मेदारी दी गई है। यह लोग कोआर्डिनेटर प्रो. शांतनु रस्तोगी को सहयोग करेंगे, जिनका नाम पहले ही घोषित किया जा चुका है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर एंड नेचुरल साइंसेज और इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी का संचालन नए सत्र से शुरू हो जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। विश्वविद्यालय परिसर से रोजगार की राह खोलने की दिशा में यह इंस्टीट्यूट बेहद उपयोगी साबित होंगे, ऐसा विश्वास है।