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परीक्षा स्थगित करने को लेकर गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के छात्रों ने ट्विटर पर छेड़ी मुहिम

ट्विटर पर यह अभियान छेड़ने वाले गोविवि के छात्र नेता नारायण दत्त पाठक ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच परीक्षा शुरू होने के कारण विद्यार्थी तनाव में हैं। कई विषयों का केडिट आवर के अनुसार गोविवि और कालेजों में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 02:14 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 02:42 PM (IST)
परीक्षा स्थगित करने को लेकर गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के छात्रों ने ट्विटर पर छेड़ी मुहिम
परीक्षा स्थगित करने को लेकर गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के छात्रों ने ट्विटर पर छेड़ी मुहिम। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में 22 जनवरी से शुरू हो रही परीक्षा को स्थगित कराने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया ट्विटर पर मुहिम छेड़ दी है। हैशटैग कैंसल डीडीयूजीयू एग्जाम, नो एग्जाम इन ओमिक्रान, स्टार्ट एमसीक्यू के साथ ही राज्यपाल, सीएम आदि को भी टैग कर रहे हैं।

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दो दिन से चला रहे मुहिम

दो दिन पूर्व ट्विटर पर विद्यार्थियों द्वारा छेड़ी गई इस मुहिम को ट्विटर पर काफी समर्थन मिल रहा है। ट्विटर पर चार सौ से अधिक लोगों ने परीक्षा स्थगित किए जाने को लेकर पोस्ट किया है। हजारों की संख्या में इन पोस्ट पर टिप्पणी भी आई है। ट्विटर पर यह अभियान छेड़ने वाले गोविवि के छात्र नेता नारायण दत्त पाठक ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच परीक्षा शुरू होने के कारण विद्यार्थी तनाव में हैं। कई विषयों का केडिट आवर के अनुसार गोविवि और कालेजों में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है।

लंबित है अंक सुधार और पेपर बैक की परीक्षा

आश्चर्यजनक यह है कि विश्वविद्यालय में पूर्व से सीबीसीएस प्रणाली में शामिल पीजी तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों, जिनका पाठ्यक्रम काफी पहले पूरा हो चुका है, की परीक्षा का अभी तक पता नहीं है। अंक सुधार और बैक पेपर की परीक्षा भी अभी तक लंबित है। ऐसे में कोरोना के गंभीर खतरे के बीच बिना पाठ्यक्रम पूरा हुए नवंबर महीने में शुरू किए गए सीबीसीएस पाठ्यक्रमों की परीक्षा कराने का निर्णय घोर अनैतिक, अलोकतांत्रिक तथा नियम विरुद्ध है।

कोरोना संक्रमण पर निर्णय आने तक परीक्षा स्‍थगित करने की कर रहे मांग

उन्होंने मांग की है कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में आने, संक्रमित होने पर परीक्षा छूटने के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश, कोरोना संक्रमण से बीमार या मृत्यु होने पर इलाज और अनुदान, परास्नातक तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा, अंक सुधार एवं बैक परीक्षा पर स्पष्ट निर्णय आने तक विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित की जाएं।

सीईटीई: अंतिम दिन 769 अभ्यर्थियों ने छोड़ी परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से आयोजित केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) शुक्रवार को जिले के नौ केंद्रों पर शांतिपूर्ण संपन्न हो गई। अंतिम दिन 3871 अभ्यर्थी शामिल हुए। 769 ने परीक्षा से किनारा कर लिया है। सीटीईटी के जिला समन्वयक विशाल त्रिपाठी ने बताया कि सुबह की पाली की परीक्षा के लिए 2320 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। परीक्षा में 1956 अभ्यर्थी शामिल हुए। 364 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। ऐसे ही दोपहर की पाली के लिए भी 2320 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। 1915 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। 405 ने परीक्षा छोड़ दी।

सेमेस्टर परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग

एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने 21 जनवरी को सेमेस्टर परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने छात्रावास के चीफ वार्डन एवं परीक्षा समन्वय अधिकारी प्रो.एसके सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। प्रो.सिंह ने मामले को कुलपति तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। एनएसयूआइ के आदित्य शुक्ल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते लखनऊ विश्वविद्यालय की परीक्षाएं रद कर दी गई है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा होने से छात्रों में संक्रमण फैलने का खतरा है। इस दौरान शशांक मिश्रा, ऋषभ सिंह, राजवीर सिंह, हर्ष तिवारी, आयुष गुप्ता, सिद्धांत जायसवाल, हरिकेश, हर्ष तथा अंकित आदि छात्र मौजूद रहे।


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