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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में पांच करोड़ की लैब में प्रैक्टिकल करेंगे बीटेक व कृषि के छात्र

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक तरफ इंजीनियिरिंग और कृषि पाठ्यक्रम शुरू करने की अकादमिक तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर भौतिक संसाधन को जुटाने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। बीटेक और बीएससी (एजी) व एमएससी (एजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले को बेहतर सुविधा मिलेगी।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 12:37 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 12:37 AM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में पांच करोड़ की लैब में प्रैक्टिकल करेंगे बीटेक व कृषि के छात्र
गोरखपुर विश्वविद्यालय में पांच-पांच करोड़ रुपये से तैयार किए जा रहे लैब। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक तरफ इंजीनियिरिंग और कृषि पाठ्यक्रम शुरू करने की अकादमिक तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर भौतिक संसाधन को जुटाने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। विश्वविद्यालय बीटेक और बीएससी (एजी) व एमएससी (एजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के वाले विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल की बेहतर सुविधा देने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित लैब बनाने जा रहा है। इसके लिए विवि प्रशासन ने अपने स्तर से 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

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जल्‍द ही होगा निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था का चयन

पांच करोड़ रुपये इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नाेलाजी और पांच करोड़ रुपये इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर एंड नेचुरल साइंसेज के लिए लैब बनाने के मद में निर्धारित किए गए है। बहुत जल्द लैब के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया जाएगा और निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। छह महीने के अंदर दोनों लैब के लोकार्पण की विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी है। लैब के लिए जरूरी संसाधनों को जुटाने की जिम्मेदारी दोनों ही इंस्टीट्यूट के समन्वयकों को सौंप दी गई है। चूंकि विवि में बीटेक और कृषि के स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत इसी वर्ष हो रही है, इसलिए इसमें प्रवेश लेने वाले पहले सत्र के विद्यार्थी विश्वविद्यालय में पहले से मौजूद विज्ञान संकाय के लैब का ही इस्तेमाल करेंगे। अगले वर्ष से उन्हें अपने इंस्टीट्यूट के लैब में प्रैक्टिकल करने की सुविधा मिलने लगेगी।

कक्षाओं के लिए दीक्षा भवन में बनी कमरों का होगा इस्तेमाल

विश्वविद्यालय दोनों ही पाठ्यक्रमों की कक्षाओं के संचालन के लिए अलग से भवन निर्माण नहीं कराएगा। यह कक्षाएं दीक्षा भवन में पहले से मौजूद कमरों में संचालित होंगी। कक्षाओं को चिन्हित करने और पाठ्यक्रम के मुताबिक उन्हें तकनीकी रूप से समृद्ध करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जरूरत पड़ने पर विज्ञान संकाय की कक्षाओं का इस्तेमाल करने की भी विवि प्रशासन की योजना है। 

लैब का समृद्ध होना बेहद जरूरी

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि विज्ञान से जुड़े विषयों के अध्ययन में प्रैक्टिकल की महत्पूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में लैब का समृद्ध होना बेहद जरूरी है। इसका ध्यान रखते हुए ही बीटेक और कृषि में स्नातक व परास्नातक के विद्यार्थियों के लिए अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित लैब का निर्माण कराया जाएगा। छह महीने में लोकार्पण करा देने की योजना है।


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