Gorakhpur University Admission News: तकनीकी वजहों से च्वायस लाक से वंचित छात्रों को मिलेगा अवसर
Gorakhpur University Admission News गोरखपुर विश्वविद्यालय में सत्र-2021-22 में प्रवेश के लिए बीएससी कृषि बीसीए बीबीए बीए-एलएलबी और एमएड के जो अभ्यर्थी तकनीकी वजहों से च्वायस लाक नहीं कर सके थे उन्हें एक बार फिर प्रवेश का अवसर दिया जाएगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur University Admission News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में सत्र-2021-22 में प्रवेश के लिए बीएससी कृषि, बीसीए, बीबीए, बीए-एलएलबी और एमएड के जो अभ्यर्थी तकनीकी वजहों से च्वायस लाक नहीं कर सके थे, उन्हें एक बार फिर प्रवेश का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए शर्त यह होगी, वह परीक्षा परिणाम के आधार पर घोषित कट आफ मेरिट के दायरे में आते हों। यह महत्वपूर्ण निर्णय विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति ने लिया।
सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहेगी
कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद ईडब्ल्यूएस की रिक्त सीटों को भरा जाएगा। उन्हें भी प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट है। एक अन्य फैसले के लिए स्नातक और परास्नातक के विभिन्न विषयों में सीट वृद्धि के लिए आवेदन करने वाले 18 महाविद्यालयों के आवदेन फाइल पर विचार किया गया। समिति ने कमेटी बनाकर महाविद्यालयों द्वारा किए गए आवेदन के मानकों को पूरा करने वाले आधारिक संरचना के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया। सीट वृद्धि की प्रक्रिया के लिए एक समय निर्धारित करने का फैसला भी लिया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के स्थायी कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया जल्द पूरी करने और सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया जारी रखने पर सहमति बनी।
बीटेक विद्यार्थियों को दी गई गोविवि के इंतजाम की जानकारी
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पहली बार संचालित हो रहे इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नाेलाजी के बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए परिचय कार्यक्रम का आयोजन दीक्षा भवन में किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की ओर से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्य परिषद सदस्य अनिल सिंह ने कहा कि गुरुकुल परंपरा में शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है। उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह विद्याार्थी के मन में उठने वाली हर जिज्ञासा और शंका का समाधान करे। यह जिम्मेदारी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को पढ़ाने वाले हर शिक्षक की भी होगी।
कार्यपरिषद सदस्य प्रो. वीएन त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में इस क्षेत्र के विद्वानों की अग्रणी भूमिका रही है। कला संकाय और विज्ञान संकाय का इतिहास स्वर्णिम रहा है। विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना से भाषा, मानविकी सहित अन्य विषयों की पढ़ाई भी एक ही छत के नीचे हो सकेगी। समन्वयक और अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. शांतनु रस्तोगी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के सलाहकार एपी सिंह, स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के सलाहकार डा. आरएन सिंह के साथ-साथ इंजनीयरिंग के नवनियुक्त शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।
सीबीसीएस पैटर्न के शुल्क प्रारूप पर लगी मुहर
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शनिवार को कार्यपरिषद की बैठक आयोजित हुई। कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परिषद ने सीबीसीएस (च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के शुल्क प्रारूप पर मुहर लगाई। परिषद के सदस्यों ने नैक मूल्यांकन और नई शिक्षा नीति के संदर्भ में संबंधित कार्यों के प्रारूप को भी अनुमोदन प्रदान किया।