बाढ़ से बचाव के लिए मोड़ी जा रही तीन नदियों की धारा, एक दर्जन गांवों के अस्तित्व पर संकट
गोरखपुर में राप्ती नदी की धारा मोडऩे के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। ग्रामीणों ने राप्ती नदी में उतरकर सत्याग्रह किया। वह नदी की धारा गांव मोड़े जाने के खिलाफ हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के कुशवासी में राप्ती नदी की धारा मोडऩे के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। करजहीं में ग्रामीणों ने राप्ती नदी में उतरकर सत्याग्रह किया। वह किसी भी सूरत में नदी की धारा गांव की तरफ मोडऩे के खिलाफ थे। उधर, प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थगन आदेश के लिए ग्राम प्रधान हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। 29 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी। ग्रामीणों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल वहां काम बंद करा दिया है।
जनपद को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए राप्ती, सरयू और गोर्रा नदियों की धारा को मोडऩे का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। बेलीपार क्षेत्र के कुशवासी इलाके में अईमा, करजहीं, कतरारी, नवापार समेत आधा दर्जन गांव के लोगों ने राप्ती की धारा मोडऩे को औचित्यहीन बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
नदी बचाओ, गांव बचाओ संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन पर उतरे ग्रामीणों का कहना है कि नदी जहां से मोड़कर, जहां मिलाया जा रहा है, उसका औचित्य ही समझ में नहीं आ रहा है। इससे दर्जन भर गांवों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। समिति की अगुवाई कर रहे विश्व विजय सिंह, आलोक शुक्ला ने बताया कि सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि बेवजह खराब हो जाएगी और प्रोजेक्ट से किसी को फायदा भी नहीं होगा।
करजहीं में हुआ जल सत्याग्रह
करजहीं गांव में ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह किया। पूर्व प्रधान ओमप्रकाश शुक्ला की अगुवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने नदी में उतरकर सांकेतिक जल सत्याग्रह किया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रोजेक्ट वापस नहीं हुआ तो यह सत्याग्रह आमरण अनशन के रूप में बदल जाएगा। हम लोगों ने मतदान में शामिल न होने का भी निर्णय लिया है। इस दौरान मारकंडेय शुक्ला, साहब गुप्ता, रामनाथ गौड़, अष्टभुजा शुक्ल, अरुण शुक्ला, रमेश शुक्ला, मंगल यादव, लालजी यादव, राजेश सिंह, अनिल यादव, गंगासागर, गब्बर, बेचन, झिनक, प्रेमनाथ, शुभम शुक्ल, रमई पासवान, पूर्व प्रधान माधव पासवान, गंगा प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।
29 अप्रैल को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई
राप्ती की धारा मोड़े जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। प्रधान जय सिंह यादव एवं पांच अन्य की तरफ से रिट दाखिल की गई है। 15 अप्रैल को दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई है। न्यायामूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल व रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी।
23 अप्रैल को महापंचायत में होगा फैसला
नदी बचाओ, गांव बचाओ संघर्ष समिति की महापंचायत 23 अप्रैल को होगी। जल पुरुष राजेंद्र सिंह की मौजूदगी में होने वाली महापंचायत में आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
डीएम ने कहा, किसी को नहीं होगा नुकसान
गोरखपुर के डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि कोई भी ऐसा काम नहीं होगा, जिससे किसी व्यक्ति, गांव, खेत का नुकसान हो। राप्ती पर चल रहे काम को बंद करने का आदेश दिया गया है। चुनाव बाद इस पर सबकी सहमति लेकर आगे काम होगा।