कर चोरी रोकना अब आपकी भी जिम्मेदारी
गोरखपुर। अब कोई व्यापारी अगर किसी ग्राहक को फर्जी बिल थमाता है तो उसका फंसना तय है। जीएसटी
गोरखपुर। अब कोई व्यापारी अगर किसी ग्राहक को फर्जी बिल थमाता है तो उसका फंसना तय है। जीएसटी की नई प्रणाली में अब ग्राहक भी कर की चोरी रोककर राजस्व वसूली बढ़ाने में सरकार के साथ भागीदार निभाएंगे। इतना ही नहीं ग्राहकों की एक पहल कर चोरी में लिप्त दुकानदारों को चिन्हित कराकर उन पर कारवाई के लिए पर्याप्त होगी। इसकी पूरी व्यवस्था तैयार कर दी गई है जो बहुत जल्द लागू हो जाएगी।
वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली की नई व्यवस्था के तहत केंद्रीय स्तर पर सेंट्रल बिल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। यहा से एक वाट्सअप नंबर (7235001111) और ईमेल आईडी (ह्वश्चष्ढ्डष्ष्@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व) जारी की गई है। इस नंबर और ईमेल पर कोई भी ग्राहक सामान खरीदते समय मिले बिल की प्रति को भेज सकता है। सेंट्रल बिल कलेक्शन सेंटर के पास जैसे ही यह बिल पहुंचेगा वहा से हर बिल के लिए एक अलग यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी हो जाएगा। सेंट्रल बिल कलेक्शन सेंटर से हर बिल पर कैप्सन के रूप में यूआईडी जनरेट कर संबधित जोनल एडिशनल कमिश्नर को भेजा जाएगा। जोनल एडिशनल कमिश्नर उस बिल पर लिखे व्यापारी के नाम-पते के आधार पर उसको संबंधित खंड में स्थानातरित कर देंगे। खंड से व्यापारिक की फर्म और नाम पते के आधार पर जीएसटीअन नंबर का मिलान कराया जाएगा। बिल में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर रिटर्न के जरिए उसका मिलान किया जाएगा। यदि किसी दुकानदार ने ग्राहक को दिए बिल और अपने दाखिल रिटर्न में हेरफेर किया है तो इसकी पूरी जानकारी संबंधित कर निर्धारण अधिकारी को हो जाएगी। इसी के आधार पर उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
अगली रिटर्न से पहले हो जाएगी कार्रवाई
सीबीसी सेंटर से आए बिल को जोनल कमिश्नर की तरफ से मिलने के बाद कर निर्धारण अधिकारी दो माह के भीतर सत्यापन का कार्य पूरा कर लेंगे। इस दौरान बिल पर दर्ज व्यापारी के जीएसटीआर नंबर से उस बिल का मिलान कराया जाएगा। यदि बिल का सत्यापन जीएसटीआर में हो गया है तो ठीक अन्यथा जिस बिल का सत्यापन जीएसटीआर से नहीं हो पाएगा उस बिल पर अगले कर निर्धारण अवधि से पहले कारवाई कर दी जाएगी। सत्यापन के लिए कर निर्धारण अधिकारी को दो महीने का समय दिया जाएगा।
उच्चाधिकारियों को भेजनी होगी रिपोर्ट
कर निर्धारण अधिकारी की तरफ से बिल का सत्यापन होने अन्यथा न होने तथा इस संबंध में हुई कार्रवाई की जानकारी निर्धारित समय अवधि के भीतर जोनल कमिश्नर को देनी होगी। जोनल कमिश्नर वाट्सअप और ईमेल के जरिए करवाई से संबंधित रिपोर्ट केंद्रीय बिल संग्रहण सेंटर को भेजेंगे।
बगैर नंबर वाले बिल पर एक माह में कार्रवाई
ऐसे बिल जिस पर जीएसटीएन या टिन नंबर नहीं लिखा होगा, उसके संबंध में उचित अधिकारी एक माह के भीतर कार्रवाई खत्म कर इसकी सूचना जोनल एडिशनल कमिश्नर को देंगे, जिसके बाद वहां से ये सूचना सीबीसी को दी जाएगी।
वर्जन
'केंद्रीय बिल संग्रहण सेंटर के सुचारू रूप से कार्य करने के बाद बड़ी संख्या में करापवंचना पकड़ी जाएगी। कर के रूप में राजस्व वसूली बढ़ाने में ग्राहकों की भागीदारी अहम होगी।'
विजय कुमार, एडिशनल कमिश्नर, गोरखपुर जोन