समाजवादी पार्टी में बढ़ी सरगर्मी, पद के लिए जोड़-तोड़ में जुटे नेता, लखनऊ के संपर्क में सपाई Gorakhpur News
गोरखपुर की समाजवादी पार्टी में हलचलें तेज हो गई हैं। संगठन में पदाधिकारी बनने के लिए लखनऊ तक दौड़ लगाना शुरू कर दिए हैं।
By Edited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 09:53 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में हार के बाद सुस्त चल रही समाजवादी पार्टी में अचानक हलचल बढ़ गई है। जिला, महानगर समेत सभी 14 प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी भंग होने की घोषणा होते ही महत्वपूर्ण पदों के दावेदार सपाई लखनऊ के संपर्क में जुट गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद कुछ चेहरे निराश नजर आए, जबकि कुछ पद मिलने की संभावना से उत्साहित दिखे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर प्रदेश की सभी जिला, महानगर समेत प्रकोष्ठ को भंग कर दिया। पहले पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर पर लेटर पैड पर इसकी सूचना जारी होते ही वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के चेहरों पर उदासी छा गई। हालांकि पद पाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत नेता तत्काल जुगाड़ लगाने में जुट गए। वर्तमान में जिलाध्यक्ष रहे प्रहलाद यादव ने जनवरी, 2017 में जबकि महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम ने नवंबर, 2016 में पदभार संभाला था। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन गोरखपुर संसदीय सीट पर 2018 में लोकसभा उपचुनाव को देखते हुए पार्टी ने कोई बदलाव नहीं किया।
उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे प्रवीण कुमार निषाद की जीत के साथ पहली बार गोरखपुर में सपा का झंडा लहराने का तोहफा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यहां के पदाधिकारियों को दिया और लोकसभा चुनाव तक किसी भी तरह का फेरबदल नहीं किया, लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट एक बार फिर सपा के हाथ से निकलकर भाजपा के पास चली गई। इसके बाद से ही संगठन में बड़े फेरबदल की संभावना जताई जा रही थी, जिस पर अंतत: मुहर लग ही गई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर प्रदेश की सभी जिला, महानगर समेत प्रकोष्ठ को भंग कर दिया। पहले पार्टी के आधिकारिक ट्वीटर पर लेटर पैड पर इसकी सूचना जारी होते ही वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के चेहरों पर उदासी छा गई। हालांकि पद पाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत नेता तत्काल जुगाड़ लगाने में जुट गए। वर्तमान में जिलाध्यक्ष रहे प्रहलाद यादव ने जनवरी, 2017 में जबकि महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम ने नवंबर, 2016 में पदभार संभाला था। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन गोरखपुर संसदीय सीट पर 2018 में लोकसभा उपचुनाव को देखते हुए पार्टी ने कोई बदलाव नहीं किया।
उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे प्रवीण कुमार निषाद की जीत के साथ पहली बार गोरखपुर में सपा का झंडा लहराने का तोहफा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यहां के पदाधिकारियों को दिया और लोकसभा चुनाव तक किसी भी तरह का फेरबदल नहीं किया, लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट एक बार फिर सपा के हाथ से निकलकर भाजपा के पास चली गई। इसके बाद से ही संगठन में बड़े फेरबदल की संभावना जताई जा रही थी, जिस पर अंतत: मुहर लग ही गई।
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