Move to Jagran APP

आरटीआइ से पूछ रहे विवेचना की स्थिति, महिला संबंधी मामलों में अधिक रुचि

लोग अपने मुकदमों की विवेचना की जानकारी आरटीआइ के माध्‍यम से कर रहे हैं। गोरखपुर में प्रतिदिन चार लोग पुलिस विभाग में आरटीआइ दाखिल कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 02:22 PM (IST)
आरटीआइ से पूछ रहे विवेचना की स्थिति, महिला संबंधी मामलों में अधिक रुचि
आरटीआइ से पूछ रहे विवेचना की स्थिति, महिला संबंधी मामलों में अधिक रुचि

गोरखपुर, (सतीश कुमार पांडेय)। पुलिस महकमे में आरटीआइ के तहत सूचनाएं मांगने का काम बढ़ गया है। थाने की गोपनीय माने जाने वाली जनरल डायरी (जीडी) की कॉपी से लेकर अपने मुकदमे की विवेचना की स्थिति की जानकारी आरटीआइ के तहत मांगी जा रही है। महिलाएं भी दर्ज कराए गए मुकदमे के बारे में पूछ रही हैं।

prime article banner

थाने में रोजाना की लिखत पढ़त, थानेदार, दारोगा, सिपाहियों की रवानगी और आमद के अलावा हर सूचना और शिकायत को जनरल डायरी (जीडी) में दर्ज किया जाता है। किसी मुल्जिम की तलाश में दबिश, कोई गिरफ्तारी, बरामदगी या घटना का हवाला भी जीडी में डाला जाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जो सूचना मांगी जा रही हैं, उनमें सबसे ज्यादा जीडी की कॉपी और विवेचना की स्थिति है। इसके अलावा कंट्रोल रूम में दी गई सूचना में पुलिस ने क्या कार्रवाई की, थानेदार की उम्र क्या है, शिकायती पत्रों में पुलिस ने क्या कार्रवाई की, पीडि़त द्वारा थाने में जो एफआइआर दर्ज कराई थी, उसमें विवेचक ने नामजद मुल्जिमों में किसके खिलाफ चार्जशीट भेजा। चोरी के मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की, मुल्जिम पकड़े गये तो सामान कितना बरामद हुआ। करीब 15 प्रतिशत आरटीआइ महिला संबंधी अपराधों पर मांगी जा ही है, जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, मारपीट और दहेज उत्पीडऩ के मामले हैं।

साल भर में 1200 आवेदन

2017 में जिले में पुलिस विभाग से 1200 सूचनाएं आरटीआइ के तहत मांगी गईं। जबकि एक जनवरी, 2018 से 30 सितंबर तक 964 सूचना मांगी गई है। आरटीआइ सेल से सितंबर माह की 50 सूचना बची हैं, जो मांगे जाने की तिथि से तीस दिन के अंदर दी जाएंगी।

सीओ सहायक जन सूचना अधिकारी

पुलिस विभाग की सूचनाएं देने के लिए एसएसपी कार्यालय में आरटीआइ सेल बना है। इसमें एक इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी तैनात हैं। एसपी साउथ जन सूचना अधिकारी हैं, जबकि सभी सर्किल के सीओ सहायक जनसूचना अधिकारी हैं।

रोजाना मांगी जा रहीं चार सूचनाएं

गोरखपुर के एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि आरटीआइ के तहत रोजाना करीब चार सूचनाएं मांगी जाती हैं। जो पुलिस महकमे के अलग-अलग विभाग से संबंधित होती हैं। सबसे ज्यादा सूचना विवेचना के संबंध में होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.