मदरसा शिक्षकों के लिए राज्य सरकार ने जारी किए 95.77 लाख
प्रदेश सरकार ने 779 मदरसा शिक्षकों के लिए साढ़े चार माह का मानदेय लगभग 96 लाख रुपये राज्यांश भेज दिया है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मानदेय का इंतजार कर रहे मदरसा शिक्षकों के अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार ने 779 मदरसा शिक्षकों के लिए साढ़े चार माह का 95.77 लाख रुपये राज्यांश जिले को भेज दिया है। शीघ्र ही शिक्षकों खाते में धनराशि पहुंच जाएगी।
मदरसा आधुनिकीकरण योजना तहत शिक्षकों को मानदेय के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। चाहे वह केंद्रांश हो या राज्यांश समय से उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार ने करीब 32 माह का मानदेय (केंद्रांश) अभी तक जारी नहीं किया है। जबकि प्रदेश सरकार ने 302 मदरसों के एमए बीएड के 570 तथा बीए के 209 शिक्षकों के लिए साढ़े चार माह का 9576000 रुपये राज्यांश भेजा है। अब प्रधानाचार्य व प्रबंधक बिल वगैरह तैयार कर कार्य प्रमाण पत्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कार्यालय में जमा करने में जुटे हैं। इसके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। एमए बीएड के प्रति शिक्षकों के खाते में 13500 रुपये तथा बीए के प्रति शिक्षकों के खाते में 9000 रुपये भेजा जाएगा।
यह भी जानें
एमए, बीएड शिक्षकों का मानदेय- केंद्रांश 12000+राज्यांश 3000=15000
बीए शिक्षकों का मानदेय- केंद्रांश 6000+राज्यांश 2000=8000
32 माह से नहीं मिला केंद्रांश
मदरसा शिक्षकों के लिए जिले में प्रदेश सरकार से मानदेय का राज्यांश तो मिल गया, लेकिन केंद्रांश की धनराशि का शिक्षकों को करीब 32 माह से इंतजार है। इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष तसौव्वर हुसैन ने कहा कि इसके लिए कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया लेकिन सरकार ने इसकी सुधि नहीं ली। ऐसे में शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं। जबकि अखिल भारतीय मदरसा आधुनिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय महासचिव मो. अहमद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मदरसा और मदरसा शिक्षकों के संबंध में जो रिपोर्ट प्रदेश सरकार से मांगी थी, उसे केंद्र को समय से नहीं उपलब्ध कराया, जिसके कारण बजट लेप्स हो गया, जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।