गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्टार्टअप की शुरू हुई तैयारी, शिक्षकों को मिली जिम्मेदारी Gorakhpur News
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने इसके लिए इंक्यूबेटर सेंटर के जिम्मेदारों के साथ बैठक की और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंपनी स्थापित करने की कार्ययोजना जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए ताकि उसे अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्टार्टअप कंपनी स्थापित करने की योजना को धरातल पर लाने तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। उनके कार्यों का बंटवारा भी कर दिया गया है।
आउटसोंर्सिंग कर्मचारियों को लेकर हुए जरूरी निर्णय
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने इसके लिए इंक्यूबेटर सेंटर के जिम्मेदारों के साथ बैठक की और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंपनी स्थापित करने की कार्ययोजना जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए ताकि उसे अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। एक अन्य बैठक में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के कार्य को लेकर चर्चा हुई और तय हुआ कि इन कर्मचारियों का स्थान परिवर्तन किया जाएगा। जिस स्थान पर ज्यादा कर्मचारी तैनात हैं, उनमें से कुछ को दूसरे स्थान पर तैनात किया जाएगा। कार्य के सत्यापन के बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। कुलपति ने आउटसोर्सिंग प्रभारी को कर्मचारियों के पटल परिवर्तन का खाका तैयार का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा है कि पटल परिवर्तन का खाका तैयार कर उसकी सूची भी उपलब्ध कराई जाए। ताकि वह देख सकें कि परिवर्तन किस तरह से किया गया है।
स्मारिका के प्रकाशन की तैयारी के निर्देश
इन दौ बैठकों के बाद कुलपति ने कई और आनलाइन बैठकें कीं, जिसमें कई जरूरी निर्णय लिए गए। एक बैठक में एनआइआरएफ और नैक मूल्यांकन का टाइम लाइन बनाकर कार्य करने की रूपरेखा तैयार हुई। तय हुआ कि बेहत रैंक हासिल करने के लिए समय रहते पाठ्यक्रम को अपग्रेड कर लिया जाएगा। प्रकाशन विभाग की बैठक में कुलपति ने पूर्वांचल के विकास का खाका खींचने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नाथपंथ के वैश्विक प्रदेय विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ ही 39वें दीक्षांत समारोह की स्मारिका और बुक आफ एब्सट्रैक्ट को जल्द से जल्द प्रकाशन के लिए तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रकाशन के संबंध में तत्परता बरती जाए, ताकि कार्य शीघ्र की संपादित हो सकें।