Move to Jagran APP

हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार पर स्लीपर कोच लगा रहा ब्रेक, जानें- कैसे ? Gorakhpur News

पूरी से तरह वातानुकूलित हमसफर एक्सप्रेस में स्‍लीपर कोच लगने के कारण हमसफर एक्सप्रेस की स्‍पीड पर ब्रेक लग रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 12:59 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 08:29 PM (IST)
हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार पर स्लीपर कोच लगा रहा ब्रेक, जानें- कैसे ? Gorakhpur News
हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार पर स्लीपर कोच लगा रहा ब्रेक, जानें- कैसे ? Gorakhpur News

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर : पूरी तरह वातानुकूलित हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार एक स्लीपर कोच ने रोक दी। पांच मार्च को पहली बार जब 12595 हमसफर में एक स्लीपर कोच लगा तो कानपुर से गाजियाबाद के बीच ट्रेन की रफ्तार 130 से घटकर 110 किमी प्रति घंटा हो गई। हमसफर तीन घंटे विलंबित तो हुई ही इससे अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हो गईं। मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचा तो दूसरे दिन ही स्लीपर कोच हटा लिया गया।

loksabha election banner

आनंद विहार तक चलने वाली हमसफर में नहीं लग रहे स्लीपर के कोच

फिलहाल गोरखपुर से आनंद विहार तक चलने वाली हमसफर में स्लीपर के कोच नहीं लग रहे हैं। ट्रेन में 18 एसी थर्ड और दो पॉवर कार सहित कुल 20 कोच लग रहे हैं। जबकि पांच मार्च से नियमित रूप से एक स्लीपर कोच अनिवार्य रूप से लगाया जाना था। इसे हटाने के बाद अब फिर पूवरेत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और बोर्ड के अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इस फार्मूले का हल निकाल लिया जाएगा।

इसलिए दिया गया था स्‍लीपर कोच लगाने का निर्देश

दरअसल आफ सीजन में लगातार खाली चल रहीं हमसफर ट्रेनों में यात्रियों की संख्या व राजस्व बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने स्लीपर कोच भी लगाने का दिशा-निर्देश जारी कर रखा है। इस संबंध में पूछे जाने पर पूवरेत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही स्लीपर कोच लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

130 की रफ्तार से चलती हैं एसी ट्रेनें

उत्तर मध्य रेलवे के कानपुर-गाजियाबाद रूट पर स्लीपर कोच वाली ट्रेनें 110 तथा एसी ट्रेनें अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। 20 कोच वाली हमसफर को भी 130 किमी प्रति घंटे के रफ्तार की अनुमति है। इस रूट पर कुछ स्लीपर कोच वाली ट्रेनों को भी 130 की अनुमति मिली है। ऐसे में हमसफर में भी स्लीपर कोच लगने के बाद रफ्तार कायम रखने की गुंजाइश बनी हुई है। दरअसल, खिड़कियां, गेट खुले होने के कारण स्लीपर कोच वाली ट्रेनों की रफ्तार हवा के दबाव में 110 से अधिक नहीं बढ़ पाती है। जबकि एसी कोच पूरी तरह पैक होते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.