World Alzheimer Day 2020: ठीक से सोएं और खाएं नहीं तो हो जाएगी भूलने की बीमारी
World Alzheimers Day 2020 मस्तिष्क की कोशिकाओं में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन जमा होने लगता है। जिसके चलते धीरे-धीरे कोशिकाएं मर जाती हैं। इसे अल्जाइमर करते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में हर महीने लगभग 20 मरीज डिमेंसिया (भूलने की बीमारी) के आते हैं। अभी तक लगभग सभी के इस बीमारी का कारण अल्जाइमर पाया गया है। इसमें 45 वर्ष के मरीज भी हैं। जबकि आमतौर पर यह बीमारी 60 वर्ष के ऊपर के लोगों को होती है। इनमें से अधिकांश को ब्लड प्रेशर, शुगर की समस्या है। कुछ शराब का भी सेवन करते थे। इसमें से 90 फीसद लोग बहुत कम सोते थे। देर रात तक जागते थे। समय पर भोजन नहीं करते थे। नींद आने के बाद भी काम की वजह से जागना पड़ता था। पूरी दिनचर्या अनियमित हो गई थी।
क्या है अल्जामइर
मस्तिष्क की कोशिकाओं में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन जमा होने लगता है। जिसके चलते धीरे-धीरे कोशिकाएं मर जाती हैं। इसे अल्जाइमर करते हैं। इस बीमारी की खोज एक अल्जाइमर नामक वैज्ञानिक ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस बीमारी का नाम पड़ा। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।
85 फीसद लोगों को मानसिक रोगों के बारे में पता नहीं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने मानसिक रोगों के प्रति लोगों की जागरूकता पता करने के लिए एक अभियान चलाया था। ओपीडी में आने वाले मरीजों व उनके स्वजन से सभी मानसिक रोगों के बारे में पूछा गया। 85 फीसद लोगों को कुछ भी पता नहीं था। गांवों में भूलने की बीमारी को सठिया कहते हैं। गांवों के लोग इसके बारे में जानते थे। लेकिन उसे लेकर जागरूक नहीं थे।
आयोजित होगी रैली, संगोष्ठी, शिविर
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, उत्तर प्रदेश ने 21 से 27 सितंबर डिमेंसिया जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत विविध आयोजन करने को कहा है । इसके तहत कोविड-19 से बचाव के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रैली, संगोष्ठी, शिविर आयोजित किया जाएगा। साथ ही मंद बुद्धि लोगों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
मानसिक समस्या के लिए करें फोन
अगर आप मानसिक तनाव या चिंता महसूस कर रहे हैं तो टोल फ्री नंबर- 080-46110007 पर कॉल करें। यह राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) का नंबर है। यहां फोन कर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान पाया जा सकता है।
लक्षण
रोजमर्रा की चीजों को भूल जाना, व्यवहार में परिवर्तन आना, रोज घटने वाली घटनाओं को भूल जाना, दैनिक कार्य न कर पाना आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं ।
कारण
डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्राल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, पर्याप्त नींद न लेना, अनियमित दिनचर्या, एनीमिया और कुपोषण के अलावा नशे की लत इस बीमारी का कारण है। यह अनुवांशिक भी होती है।
बचाव
पर्याप्त नींद लें। दिनचर्या नियमित करें। सकारात्मक सोच बनाए रखें। पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगाएं। नियमित व्यायाम करें। नशे से दूर रहें। ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें।
हर सप्ताह गुरुवार को मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में डिमेंसिया क्लीनिक चलाया जाता है। मानसिक रोगों के बारे में लोग जागरूक कम हैं। अल्जाइमर की कोई दवा नहीं है। लेकिन समय रहते यदि पता चल जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। - आमिल एच. खान, मानसिक रोग विशेषज्ञ, बीआरडी मेडिकल कॉलेज।