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रेलवे अस्‍पताल में एक दिन में छह कर्मचारियों की मौत, मजदूर यूनियन ने कहा- आक्‍सीजन न मिलने से गई जान

गोरखपुर के ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल के कोविड सेंटर में एक दिन में छह मरीजों की मौत हो गई। एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने रेलवे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से कड़ी आपत्ति जताई है। यूनियन ने आरोप लगाया है कि ऑक्‍सीजन की कमी से यह मौतें हुई हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 07:39 PM (IST)
रेलवे अस्‍पताल में एक दिन में छह कर्मचारियों की मौत, मजदूर यूनियन ने कहा- आक्‍सीजन न मिलने से गई जान
गोरखपुर में रेलवे अस्पताल में एक ही दिन में छह लोगों की मौत हो गई। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल के कोविड सेंटर में एक ही दिन में छह मौतों पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने रेलवे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से कड़ी आपत्ति जताई है। यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को चिट्टी लिखकर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त कराने की गुहार लगाई है। साथ ही कर्मचारियों व उनके स्वजन की समस्याओं से अवगत कराया है।

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कोविड सेंटर में भर्ती नहीं करने व आक्सीजन और दवाओं की कमी का लगाया आरोप

पत्र के माध्यम से यूनियन के महामंत्री ने आरोप लगाया है कि मंगलवार को आक्सीजन की कमी से छह लोगों की जान चली गई। स्वजन को हंगामा करना पड़ा। कामर्शियल क्लर्क के पद पर तैनात परवीन को एंबुलेंस से अस्पताल बुलाकर कोविड सेंटर में भर्ती नहीं किया गया। अब वे इलाज के लिए भटक रहे हैं। पहले से भर्ती दो संक्रमित को निगेटिव रिपोर्ट बताकर घर भेज दिया। जबकि, उनकी हालत अभी भी ठीक नहीं है। यह तो सिर्फ कुछ उदाहरण है।

रेलवे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं। एक तो 25 बेड का कोविड सेंटर खुला है, उसमें भी न पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था है और न दवाएं उपलब्ध हैं। रेलकर्मचारियों और उनके स्वजन उपचार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं। महामंत्री ने महाप्रबंधक से रेल और कर्मचारियों के हित में तत्काल स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त कराने की मांग की है।

अधिकारी भी हैं परेशान, यूनियन से लगा रहे गुहार

रेलवे अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर रेलकर्मी ही नहीं अधिकारी भी परेशान हैं। महामंत्री ने पत्र के माध्यम से महाप्रबंधक को बताया है कि कर्मचारी ही नहीं अधिकारी भी डरे और सहमे हैं। वे भी अपने और कर्मचारियों के इलाज को लेकर परेशान हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर को कर्मचारियों के समुचित इलाज के लिए यूनियन के दफ्तर में फोन करना पड़ रहा है। एक अधिकारी का यूनियन के पास फोन करना पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।


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